धौरहरा कोतवाली के गांव फकीर बाबा पुरवा में मंगलवार की दोपहर अज्ञात कारणों के चलते आग लग गई। हवा का रुख पाकर आग ने भीषण रूप धारण कर लिया। देखते ही देखते पूरे गांव को अपनी चपेट में ले लिया। ग्रामीण अपनी जान बचाकर घरों से भाग निकले। अग्निकांड की सूचना फायर विभाग को दी। फायर की गाड़ी बहुत देर से पहुँची। ग्रामीणों ने किसी तरह आग बुझाई। तब तक पूरा गांव जलकर राख हो गया। घरों में रखा सारा सामान और नकदी जल गई। इससे ग्रामीणों का लाखों का नुकसान हुआ है। रमियाबेहड़ ब्लाक के गांव फकीर बाबा पुरवा में मंगलवार को रहस्यमय तरीके से आग लग गई। तेज हवाओं के चलते आग पूरे गांव में फैल गई। घरों में लगी आग को देख कर ग्रामीण घरों से बाहर आ गये और फायर ब्रिगेड को सूचना दी।
आग का रूप इतना विकराल था कि ग्रामीण घरों में रखा जरूरी सामान भी नहीं उठा पाए। पूरा गांव तेजी से जलने लगा। सूचना पाकर दो घण्टे तक फायर की गाड़ी मौके पर नहीं पहुँची। कड़ी मेहनत के बाद आसपास के लोगों ने किसी तरह आग पर काबू पाया। लगभग आग बुझने के बाद फायर की गाड़ी मौके पर पहुँची और राख को बुझाया। अग्निकांड में ग्रामीणों का लाखों का नुकसान हुआ है। किसी के भी घर खाने भर को भी अनाज नहीं बचा है। गांव के त्रियुगी के आठ हजार, भवानी, दिनेश, चुन्नू, होली के तीन तीन हजार रुपये जल गये। यह लोग मजदूरी करके पैसे घर लाये थे। अग्निकांड में मंगरे, प्रह्लाद, राजेश, शिवपूजन, छोटेलाल, बिरजू, जगदीश, मगरे, छंगा, लेखराम, राम भजन, रामपाल, ध्रुव, राममूर्ति सहित 40 घर आग की भेट चढ़ गए। आग में घरों में रखा आनाज व अन्य सामान जलकर खाक हो गया।
मजदूर पेशा है पूरा गांव
फकीर बाबा पुरवा गांव पूरी तरीके से मजदूर पेशा है। इस गांव में करीब 40 घर थे। सभी घर के लोग मेहनत मजदूरी करके अपना पेट पालते थे। मंगलवार को लगी आग में पूरा गांव जलकर राख हो गया है। किसी भी मजदूर का आशियाना नहीं बचा है। उनके घर में जो भी अनाज व सामान रखा था जलकर राख हो गया है। मजदूरों के सामने दो वक्त की रोजी रोटी का संकट पैदा हो गया। सूचना पाकर भी कोई अधिकारी मौके पर नहीं पहुंचा। सिर्फ हल्का लेखपाल ने गांव में जाकर मौका मुआयना किया है और अग्निकांड में हुए नुकसान का आकलन किया है। लेखपाल का दावा है कि जल्द ही पीड़ितों को सरकार की तरफ से मुआवजा मिलेगा।
दो घण्टे बाद पहुँची फायर ब्रिगेड
गांव में लगी आग की सूचना ग्रामीणों ने तुरंत फायर ब्रिगेड को दी, लेकिन सूचना पाने के दो घंटे बाद फायर की गाड़ी मौके पर पहुंची। तब तक लगभग पूरा गांव जलकर राख हो चुका था। ग्रामीणों ने आग पर काबू पा लिया था। आखिर में पहुंची फायर की गाड़ी में गांव में सुलग रही राख को बुझाया। इससे ग्रामीणों में आक्रोश है। उनका कहना है कि अगर फायर ब्रिगेड मौके पर आ गई होती तो उनके ज्यादातर घरों को बचाया जा सकता था। बताया जाता है कि गांव में करीब 40 ही घर हैं। गांव के सभी घर जलकर राख हो गए तो आग खुद ही ठंडी हो गई।
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