2014 के आम चुनाव में जिले की दोनों सीटों पर भाजपा प्रत्याशियों की जीत के बाद तराई पर भगवा रंग चढ़ने लगा। 2017 के हुए विधानसभा चुनाव में भाजपा की ऐसी लहर चली कि जिले की सभी आठ विधानसभाओं में भाजपा के प्रत्याशियों ने जीत दर्ज की। इसके बाद अब 2019 में भी तराई पर भगवा रंग और चट हो गया। इस बार जिले की दोनों सीटें तो भाजपा ने जीती ही साथ ही वोट शेयर प्रतिशत भी बढ़ गया। इस बार भाजपा के दोनों सांसदों ने 2014 की तुलना में रिकार्ड मतों से जीत दर्ज की।
शारदा और घाघरा सहित कई नदियों के जिले में बहने के कारण खीरी जिले को तराई का जिला बोला जाता है। तराई जिला भगवारंग में ऐसा रंगा कि पिछले चुनावों से लगातार कमल खिलता रहा। 2012 के चुनाव में खीरी जिले में भाजपा के खाते में सिर्फ एक सीट आई थी। निघासन विधानसभा से अजय मिश्र टेनी भाजपा से चुनाव जीतकर विधानसभा पहुंचे। इसके बाद 2014 में हुए लोकसभा चुनाव में अजय मिश्र टेनी को भाजपा ने खीरी सीट से मैदान में उतरे। इस चुनाव में खीरी से जीत दर्ज की।
वहीं धौरहरा सीट से रेखा वर्मा जीतीं। दोनों लोकसभा सीटें भाजपा के खाते में आईं। इसके बाद 2017 में हुए विधानसभा चुनाव में भाजपा ने जिले की आठो सीटों पर अपना कब्जा जमा लिया। अब 2019 के हुए लोकसभा चुनाव में एक बार फिर तराई भगवामय हो गई। इस बार तो भाजपा प्रत्याशियों को मिले वोटों ने 2014 का रिकार्ड तोड़ दिया। 2014 में मिला वोट शेयर प्रतिशत बढ़कर 50 फीसदी के ऊपर हो गया। यानि कि जो वोट पड़े उसमें से आधे से अधिक भाजपा प्रत्याशियों मिले जबकि बाकी में अन्य प्रत्याशी रहे। कुल मिलाकर अगर देखा जाए तो तराई भगवामय हो गई और जिले की दोनों सीटों पर भाजपा प्रत्याशियों ने जीत दर्ज की।
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