गर्मी का सीजन शुरू होते ही दुधवा जंगल को पार्क प्रशासन के सामने आग से बचाने की बड़ी चुनौती आ खड़ी होती है। पिछले एक महीने में जंगल में आग लगाने के अलग अलग मामलों में छह आरोपियों को पार्क कर्मी गिरफ्तार भी कर चुका है। और आग से जंगल की सुरक्षा तय करने के लिए रोजाना कई किमी गश्त भी करवाई जाती है, जिसका एम स्ट्रिप ऐप के माध्यम से उच्च अधिकारी जायजा भी लेते रहते हैं। अब पार्क ने जंगल में अराजक तत्वों द्वारा लगाई जा रही आग को तुरंत बुझाने के भी उपाय किये हैं जिसके लिए दुधवा में मिनी फायर मशीन लाई गई है। इसे ट्रैक्टर से जोड़ा गया है जो जंगल के किसी भी हिस्से में आसानी से ले जाई जा सकती है। इसमें लगा पाइप 50 फिट लम्बा है साथ ही इस मशीन में एक हजार लीटर पानी भरा जा सकता है। इसका लगातार इस्तेमाल हो भी रहा है। दरअसल एम स्ट्रिप ऐप के माध्यम से जंगल में गश्त करने वाली टीम अपनी लाइव लोकेशन, गश्त के दौरान आने वाले खतरों के बाबत अधिकारयों को तुरंत ही ऐप से ही अवगत करा सकती है। जब कहिं आग लगती है तो गश्ती दल अलर्ट का मैसेज ऐप पर जारी कर देता है आग लगने की जगह की जीपीएस आधारित एक्यूरेट लोकेशन भी ऐप के माध्यम से ही अधिकारियों तक पहुंच जाती है। जिसके बाद मिनी फायर मशीन मौके की ओर रवाना कर दी जाती है। मशीन के साथ ही जुड़कर 10 हजार लीटर क्षमता का पानी का टैंकर भी भेजा जाता है इससे पानी की कमी होने पर तुरन्त ही मशीन भर ली जाती है और बचाव कार्य नही रुकता। क्यों लगाई जा रही है आग जंगल से सटे तमाम थारू गांव के लोग इस समय जंगल में आग लगा रहे हैं। ऐसा करने के पीछे कई कारण है। बताया जाता है कि थारू बाशिंदे अपने पशुओं के चारे और अपनी जरूरत के सामान के लिए आज भी जंगल पर ही निर्भर है। गेहूं की कटाई का काम पूरा हो चुका है और ऐसे में वे अपने पशुओं के लिए चारे की व्यवस्था करने के लिए जुट गए हैं। आग लगाकर वे जंगल के हिस्से को साफ करते है ताकि वहां नरम चारा उगे और यही चारा उनके पशुओं की खुराक बनेगा। हालांकि ऐसा कर कहीं ना कहीं जंगल को नुकसान भी पहुंचाया जा रहा है इससे न सिर्फ दुर्लभ वन्य जीवों को जान का खतरा है बल्कि शिकारियों की गतिविधियां बढ़ने की आशंका प्रबल है। क्या कहते हैं दुधवा के डीडी दुधवा के डिप्टी डायरेक्टर महावीर कॉजलगि ने बताया कि हम जंगल को हर खतरे से सुरक्षित रखने के लिए प्रतिबद्ध हैं। आग लगने की बढ़ती घटनाओं को ध्यान में रखते हुए अलग अलग टीमें गठित कर जंगल गश्त करवाई जा रही है। जो पूर्ण रूप से एम स्ट्रिप आधारित है। जंगल की सुरक्षा के लिए जो भी जरुरी होगा वो किया जाएगा।
व्हाट्सएप पर शेयर करें
No Comments






