कानपुर। जूते के इस्तेमाल में देश विश्व में दूसरे स्थान पर पहुंच गया। देश का हर आदमी औसतन दो जोड़ी जूतों का इस्तेमाल कर रहा है। अपना देश अभी तक तीसरे स्थान पर था और अमेरिका दूसरे पर। अब अमेरिका तीसरे स्थान पर है। पहले स्थान पर चीन है। यहां हर व्यक्ति औसतन तीन जोड़ी जूते इस्तेमाल करता है। भारतीय फुटवियर कंपोनेंट्स मैन्यूफैक्चर्स एसोसिएशन (इफकोमा) की ओर से केडी पैलेस में आयोजित पत्रकार वार्ता में चर्म निर्यात परिषद के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष मुख्तारुल अमीन और परिषद के सदस्य राकेश सूरी ने बताया कि फुटवियर क्षेत्र को आगे बढ़ाने में इफकोमा का बड़ा योगदान है। अब लक्ष्य है हर व्यक्ति को चार जोड़ी जूते पहनाने का। परिषद के सहयोग से इफकोमा कानपुर लेदर क्लस्टर उन्नाव में सोमवार से दो दिवसीय प्रदर्शनी ‘शू टेक कानपुर 2019’ लगाने जा रहा है। इस दौरान बायर-सेलर मीट का भी आयोजन किया जाएगा। मुख्तारुल अमीन ने बताया कि कानपुर रीजन से प्रतिवर्ष छह हजार करोड़ का चमड़ा और चमड़ा उत्पाद का निर्यात होता है। इसमें 1800 करोड़ रुपये का फुटवियर निर्यात होता है। पूरे देश से प्रतिवर्ष 18 हजार करोड़ का फुटवियर निर्यात होता है। इफकोमा के अध्यक्ष संजय गुप्ता ने बताया कि उन्नाव में लगने वाली प्रदर्शनी में दिल्ली, आगरा, कानपुर, नोएडा, गुड़गांव, चेन्नई आदि से 65 कारोबारी 75 स्टाल लगाएंगे। इसमें फुटवियर में इस्तेमाल में आने वाले विभिन्न कंपोनेंट का प्रदर्शन किया जाएगा। कानपुर में इस तरह की यह 11वीं प्रदर्शनी है। वार्ता में परिषद के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष आरके जालान, क्षेत्रीय अध्यक्ष जावेद इकबाल, इफकोमा के सचिव विकास राठी, चर्म निर्यात परिषद के पूर्व निदेशक ओपी पांडेय आदि मौजूद रहे। चमड़ा उद्योग पर पर्यावरण संबंधी संकट पर पूर्व अध्यक्ष मुख्तारुल अमीन ने कहा कि यह एक मुद्दा है लेकिन इसे जल्द सुलझा लिया जाएगा। केंद्र की मोदी सरकार का स्किल इंडिया कार्यक्रम और प्रदेश सरकार का एक जिला एक उत्पाद योजना चमड़ा उद्योग को आगे बढ़ाने में मददगार साबित हो रहा है। प्रदूषण और पर्यावरण की समस्या पर स्थानीय प्रशासन भी मदद कर रहा है। उन्होंने कहा कि शहर से पलायन करने के बारे में कभी नहीं सोचा और न ही कोई इरादा है। एक प्रश्न पर कहा कि बड़ी टेनरी और छोटी टेनरी में कोई भेदभाव नहीं है।
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