लोकसभा चुनाव 2019 के रण में एक बार फिर गठबंधन की राजनीति ने सुर्खियां बटोरी हैं. गठबंधन को लेकर सबसे ज्यादा खींचतान राजधानी दिल्ली में चल रही है. कांग्रेस का एक धड़ा आम आदमी पार्टी के साथ गठबंधन करने के पक्ष में हैं, तो वहीं दूसरा धड़ा इसका विरोध कर रहा है. आज कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी इसी मुद्दे पर अंतिम फैसला ले सकते हैं. सोमवार को कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने दिल्ली के कांग्रेस नेताओं के साथ बैठक की, जिसमें स्थानीय नेताओं ने AAP से गठबंधन को लेकर अपना मत राहुल गांधी को बताया. दिल्ली कांग्रेस की प्रदेश अध्यक्ष शीला दीक्षित इसका विरोध कर रही हैं, तो वहीं पूर्व अध्यक्ष अजय माकन गठबंधन के पक्ष में हैं. प्रभारी पीसी चाको, सह प्रभारी कुलजीत नागरा, पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अजय माकन, अरविंदर सिंह लवली, सुभाष चोपड़ा, ताजदार बाबर गठबंधन के पक्ष में हैं. दिल्ली प्रदेश के 14 जिलों के अध्यक्ष, तीनों एमसीडी के नेता आम आदमी पार्टी के साथ गठबंधन के पक्ष में हैं. प्रदेश अध्यक्ष शीला दीक्षित, कार्यकारी अध्यक्ष हारून युसुफ, राजेश लिलोठिया, देवेंद्र यादव, जेपी अग्रवाल, योगानंद शास्त्री गठबंधन के विरोध में. कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को सभी नेताओं ने अपना पत्र दे दिया है, जिसके बाद राहुल गांधी आज शाम को अपना फैसला बता सकते हैं. कुल 5 नेताओं ने गठबंधन का समर्थन किया है, तो 6 नेताओं ने विरोध किया है. गौरतलब है कि आम आदमी पार्टी की तरफ से कई बार कांग्रेस के साथ गठबंधन की गुहार लगाई जा चुकी है. दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भी कई सार्वजनिक मंचों से कहा है कि अगर दिल्ली में भारतीय जनता पार्टी को मात देनी है तो भाजपा-AAP का गठबंधन होना जरूरी है. हालांकि, कांग्रेस की ओर से पहले AAP के साथ गठबंधन को मना कर दिया गया था. जिसके बाद खबर आई थी कि राष्ट्रवादी कांग्रेस नेता शरद पवार कांग्रेस और AAP में गठबंधन को लेकर बातचीत करवा रहे हैं. आपको बता दें कि 2014 लोकसभा चुनाव में दिल्ली की सातों सीटों पर भारतीय जनता पार्टी ने ही जीत दर्ज की थी.
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