पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने गुरुवार को संसद को संबोधित किया और पुलवामा आतंकी हमले के बाद पनपे हालत पर अपनी राय रखी. इमरान ने कहा कि हिंदुस्तान में जिस तरह का माहौल था, हमें शक हुआ कि पाकिस्तान में कुछ ना कुछ होने वाला है. उन्होंने कहा, भारत का डोजियर आज पहुंचा है लेकिन दो दिन पहले भारत ने अटैक कर दिया.
खान ने अपने संबोधन में कहा कि 'अगर पहले हमें डोजियर दे देते तो हम एक्शन लेते. उनके यहां चुनाव हैं इसलिए ऐसा कर रहे हैं. पहली बार पाकिस्तान के पास चांस है कि बात से मुद्दा सुलझ सके. पाकिस्तान ने कतर में बात करवाई है. जब भारत ने हमला किया तो हमने बात की क्या हमें जवाब देना चाहिए. जबतक हमें नुकसान का पता नहीं लगा तो हमने सोचा कि कुछ नहीं करते हैं.'
खान ने कहा कि 'पाकिस्तान में कोई नुकसान नहीं हुआ इसलिए हमने कोई नुकसान नहीं किया लेकिन अपनी ताकत दिखाने के लिए हम उनके देश में घुसे. कोई नुकसान नहीं किया था. मैंने कोशिश की मैं नरेंद्र मोदी को फोन करूं, हमारी सेना पूरी तरह से तैयार है. विदेश मंत्री ने पूरी दुनिया से बात की.'
प्रधानमंत्री इमरान खान ने कहा कि 'पाक में उन्होंने (भारत) बम फेंके हैं लेकिन जानमाल की कोई नहीं हुई है. हमने एक जिम्मेदार स्टेट बनकर कोई एक्शन नहीं लिया. अगले दिन हमने दिखाया आप हमला करेंगे तो हम भी करेंगे. कल शाम को कोशिश की नरेंद्र मोदी से बात करने की. इसलिए नहीं कि हम डरे हुए हैं. हमारी सेना ने लंबी लड़ाई लड़ी है दहशतीगर्दी के खिलाफ. ये हमारे हित में नहीं है और न भारत के की बात आगे बढ़े.'
प्रधानमंत्री खान ने आगे कहा, 'सारा मुद्दा कश्मीर को लेकर है. क्या हिंदुस्तान की अवाम को खुद से नहीं पूछना चाहिए कि इस टैक्टिक से कश्मीर मुद्दे को सुलझा लेंगे? क्या किसी विचार को दबा लेंगे. अब कश्मीर का कोई लीडर हिंदुस्तान की टैक्टिक का साथ नहीं दे रहा. अब आजादी के अलावा कोई बात सुनने को तैयार नहीं. हिंदुस्तान से पूछना चाहता हूं कि पाकिस्तान पर बिना सबूत के क्यों उंगली उठाई गई? कश्मीर में एक 19 साल का युवा क्यों फिदायीन बन गया. हिंदुस्तान को इस पर सोचने की जरूरत है. हिंदुस्तान में इस वक्त कश्मीर पर डिबेट की जरूरत है. मुझे लगता है कि आगे फिर कश्मीर में हिंसा होगी और पाकिस्तान पर उंगली उठेगी.'
इमरान खान ने कहा कि हिंदुस्तान के लोग वॉर मॉन्गरिंग (युद्ध का उन्माद) पसंद नहीं करते क्योंकि इसमें किसी की जीत नहीं होती. वह भी तब जब दोनों देशों के पास एटमी हथियार हैं. आज आफगानिस्तान अगर वार्ता पर आ गया है तो समझ सकते हैं कि जंग कोई समाधान नहीं है. पाकिस्तान अमन चाहता है. हम सिर्फ ये चाहते हैं कि लोगों को गुरबत से निकालें. ये तभी होगा जब अमन कायम होगा. टेंशन से न भारत को फायदा है और न पाकिस्तान को. टेंशन कम करने के लिए हमने कल पीएम मोदी से बात करने की कोशिश की.
इमरान खान ने कहा कि वार्ता के ऑफर को हमारी कमजोरी न समझें. पाकिस्तान वो मुल्क है जो गुलामी कबूल नहीं करेगी. इसलिए किसी भी कौम को अंत तक न धकेलें. पाकिस्तान भारत से बोल रहा है कि इस स्थिति को आगे न बढ़ाएं क्योंकि पाकिस्तान रिटैलिएट करने के लिए मजबूर होगा. मुझे उम्मीद है कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय भी शांति कायम करने में अपना रोल निभाएगा.
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