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Saturday, May 10, 2025 1:31:18 AM

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मायावती ने आईएनएलडी से तोड़ा गठबंधन, नए सहयोगी का किया एलान

मायावती ने आईएनएलडी से तोड़ा गठबंधन, नए सहयोगी का किया एलान

लोकसभा चुनाव से ठीक पहले हरियाणा की राजनीति काफी दिलसच्प हो गई है. जींद उपचुनाव में मुख्य विपक्षी दल इंडियन नेशनल लोकदल की करारी हार के बाद मायावती की पार्टी बीएसपी ने उनके साथ अपना गठबंधन तोड़ दिया है. आईएनएलडी के साथ 9 महीने पुराना गठबंधन तोड़ते हुए बीएसपी ने अपने नए सहयोगी का एलान भी कर दिया है. बीएसपी अब राज्य में बीजेपी के बागी सासंद राजकुमार सैनी की लोकतंत्र सुरक्षा पार्टी के साथ इस साल होने वाले लोकसभा और राज्यसभा चुनाव लड़ेगी. आईएनएलडी के साथ गठबंधन तोड़ते हुए बीएसपी के राज्य अध्यक्ष ने कहा, ''मायावती के आदेश पर हमने गठबंधन तोड़ने का एलान किया है. हम लोकसतंत्र सुरक्षा पार्टी के साथ मिलकर इस साल होने वाला लोकसभा और राज्यसभा चुनाव लड़ेंगे.''

नए गठबंधन के बाद बीएसपी हरियाणा में 10 में से 8 सीटों पर लोकसभा चुनाव लड़ेगी, जबकि एलएसपी के हिस्से में 2 सीटें आएंगी. हालांकि विधानसभा चुनाव में बीएसपी राज्य की 90 में से 35 सीटों पर चुनाव लड़ेगी, वहीं 55 सीटें एलएसपी के हिस्से आएंगी.

कुछ दिन पहले ही मायावती ने चौटाला परिवार में छिड़ी जंग के बाद गठबंधन तोड़ने के संकेत दे दिए थे. मायावती ने राज्य के नेताओं के साथ पिछले हफ्ते हुई बैठक में साफ किया था कि अगर चौटाला परिवार साथ नहीं आता है, तो वह आईएनएलडी के साथ गठबंधन जारी नहीं रखेंगी.

बात अगर राजकुमार सैनी की करें तो उन्होंने 2016 में जाट आरक्षण के बाद ही बीजेपी से बगावत करना शुरू कर दिया था. जींद उपचुनाव से सैनी की पार्टी ने पहली बार राज्य में चुनाव लड़ा और करीब 13 हजार वोट पाने में कामयाब रही, जो कि आईएनएलडी के मुकाबले काफी बेहतर प्रदर्शन था.

अजय चौटाला और उनके बेटों के अलग पार्टी बनाने के बाद से ही राज्य में आईएनएलडी की स्थिति काफी कमजोर हुई है. जींद उपचुनाव में अजय चौटाला के छोटे बेटे दिग्विजय चौटाला दूसरे नंबर पर रहे.

अप्रैल 2018 में बीएसपी और आईएनएलडी ने हरियाणा में गठबंधन का एलान किया था. गठबंधन टूटने पर प्रतिक्रिया देते हुए आईएनएलडी के नेता अभय चौटाला ने कहा कि बीएसपी ने हमारे साथ लोकसभा और विधानसभा चुनाव के लिए गठबंधन किया था, पर अब वह खुद ही अलग हो गए.

2014 में हुआ लोकसभा चुनाव में बीजेपी राज्य की 10 में से 7 सीटें जीतने में कामयाब रही थी. आईएनएलडी को 2 और कांग्रेस को 1 सीट पर कामयाबी मिली थी, जबकि बीएसपी का खाता भी नहीं खुला था.

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