अयोध्या में राम मंदिर निर्माण को लेकर विहिप की धर्म संसद के बाद कुंभ क्षेत्र में अब लोकसभा 2019 के लिए विहिप, संघ और भाजपा की एक और संसद बैठने वाली है। 14 से 18 फरवरी के बीच केंद्र में अगली सरकार बनाने को लेकर कुंभ क्षेत्र में मंथन होगा। विश्व हिंदू परिषद के शिविरि में लगने वाले इस राजनीतिक कुंभ में विहिप और संघ के प्रांत स्तर के पदाधिकारियों का जमावड़ा रहेगा। इसके अलावा पूर्वी उत्तर प्रदेश के भाजपा के लोकसभा क्षेत्र समन्वयक भी इस अहम बैठक का हिस्सा होंगे। बताया जा रहा है कि धर्म संसद में राम मंदिर निर्माण के प्रस्ताव के बाद उपजे सवालों का हल खोजने और लोगों को अब लोकसभा चुनाव 2019 के मूड में लाने की कोशिश की जाएगी। चुनाव की घोषणा के तत्काल बाद भाजपा किस रणनीति के तहत काम करेगी, इस पर भी यहां मंथन होना है।
सूत्रों के अनुसार तय किया गया है कि इस मौके पर लोकसभा क्षेत्र स्तर पर वहां की स्थिति के अनुसार रणनीति और पदाधिकारियों की जिम्मेदारियां भी तय होगी। यही वजह है कि तीनों संगठनों के प्रांत स्तर के पदाधिकारियों को यहां बुलाया गया है। पता चला है कि शहरी क्षेत्रों से ज्यादा ग्रामीण क्षेत्र की लोकसभा सीटों पर फोकस करने की योजना पर काम चल रहा है।
इसकी वजह बिल्कुल साफ है कि सपा-बसपा के गठबंधन को भाजपा और संघ हल्के में लेकर नहीं चल रहा है। यही वजह है कि आने वाले दिनों में पूरी ताकत ग्रामीण क्षेत्रों में लगाई जानी है। दरअसल सपा और बसपा का सबसे ज्यादा वोट बैंक भी गांवों में है। यही वजह है कि संघ और भाजपा किसी भी मुगालते में नहीं रहना चाहती है।
विहिप के शिविर में पहले दिन यानि 14 फरवरी को पूर्वी उत्तर प्रदेश के प्रांतों से जुड़े संघ के वाद्य यंत्रों की टीम यहां आएंगी। शंख, डमरू, मृदंग और नगाड़े की धुन बजाकर यह टीम भारतीय संस्कृति का प्रदर्शन करेगी। इसके बाद विहिप, संघ के प्रांत प्रचारक, सह प्रचारक, विभाग कार्यवाह, सह कार्यवाह स्तर के पदाधिकारी आएंगे। इसी पूर्वी उत्तर प्रदेश की सभी लोकसभा क्षेत्रों के समन्वयकों को मिलाकर यहां पर करीब ५०० पदाधिकारियों का जमावड़ा होने वाला है। 15 से 18 फरवरी के बीच लोकसभा 19 जीतने का उद़घोष किया जाएगा।
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