शिवसेना ने मंगलवार को कहा कि अगर अयोध्या में राम मंदिर नहीं बनता है तो भारतीय जनता पार्टी को ‘झूठी’ कहा जाएगा और उसे सत्ता से बेदखल कर दिया जाएगा. पार्टी ने कहा है कि भगवान राम बीजेपी के लिए ‘अच्छे दिन’ ले आए लेकिन पार्टी उत्तर प्रदेश के अयोध्या में उनका मंदिर बनवाने का अपना वादा पूरा करने में विफल रही.उद्धव ठाकरे की अगुवाई वाली पार्टी ने संसद में बहुमत होने के बावजूद अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण में विलंब के लिए बीजेपी पर निशाना साधा. शिवसेना ने अपने मुखपत्र ‘सामना’ में लिखे संपादकीय में कहा है, ”बीजेपी केन्द्र और कई राज्यों में सत्ता में है. यह आसानी से राम मंदिर का निर्माण कर सकती है अन्यथा इसे झूठी माना जाएगा और सत्ता से बेदखल कर दिया जाएगा.”शिवसेना ने उल्लेख किया कि मंदिर के मुख्य पुजारी ने हाल ही में कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी केवल जय श्रीराम के नारे देते हैं लेकिन मंदिर निर्माण के लिए एक भी शब्द नहीं कहते. इसमें आगे कहा गया है, ”यह हिन्दुओं की भावना भी है.” संपादकीय में कहा गया है कि उत्तर प्रदेश में चुनाव के दौरान ऐसा लग रहा था कि अगर बीजेपी चुनाव जीत जाती है तो वह आसानी से मंदिर का निर्माण करा सकती है. लेकिन सत्तारूढ़ पार्टी ने इसके लिए आवाज उठाने वालों को ही परेशान करना शुरू कर दिया.इसमें कहा गया है कि राम मंदिर निर्माण की मांग को लेकर अनशन पर बैठे महंत परमहंस दास को पुलिस ने उठा लिया और स्वास्थ्य संबंधी कारणों का हवाला दे कर अस्पताल में भर्ती करा दिया. इसमें आश्चर्य व्यक्त करते हुए कहा गया है, ”राम मंदिर निर्माण के लिए आंदोलन कर रहे हिन्दू कार्यकर्ताओं को लेकर बीजेपी कब से चिंतित होने लगी है?”शिवसेना ने कहा है कि करीब तीन दशक पहले भगवान राम के कई श्रद्धालु पुलिस की गोलीबारी में मारे गये थे. ”तब से बीजेपी इसका लाभ लेती गई और अब उसके पास मजबूत राजनीतिक जनादेश है. (भगवान) राम बीजेपी के लिए अच्छे दिन ले आए लेकिन भगवान खुद वनवास में हैं.” पार्टी ने कहा है कि बीजेपी का यह कहना केवल दिखावा है कि मंदिर निर्माण के बारे में फैसला सुप्रीम कोर्ट करेगा.”संपादकीय में कहा गया है ”अदालत की ओर संकेत करना स्थिति से मुंह मोड़ने जैसा है.” इसमें कहा गया है कि देश भर में मंदिर के निर्माण के लिए प्रदर्शन अदालत से अनुमति लेने के बाद शुरू नहीं हुए थे. इसमें कहा गया है कि केंद्र जब तीन तलाक और अनुसूचित जाति और जनजाति (अत्याचार निरोधक) कानून पर अदालत के आदेशों को दरकिनार कर अध्यादेश जारी कर सकता है तो वह राममंदिर निर्माण के लिए और समान नागरिक संहिता लागू करने के लिए अध्यादेश क्यों जारी नहीं कर सकता.मुखपत्र में लिखे संपादकीय में कहा गया है ”बाबरी मस्जिद को शिवसेना के कार्यकर्ताओं ने गिराया था. यहां तक कि, शिवसेना प्रमुख बालासाहेब ठाकरे ने तो इसकी जिम्मेदारी भी ली थी. अब आपकी (बीजेपी की) सरकार सत्ता में है.” गौरतलब है कि शिवसेना केंद्र और महाराष्ट्र में बीजेपी नीत सरकारों की एक घटक है.
व्हाट्सएप पर शेयर करें
No Comments






