अयोध्या मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत करते हुए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) ने गुरूवार को उम्मीद जतायी कि इस मामले में शीघ्रातिशीघ्र मुकदमे का न्यायोचित निर्णय होगा. आरएसएस के अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख अरूण कुमार ने अपने बयान में कहा, ”आज सुप्रीम कोर्ट ने श्री राम जन्मभूमि के मुकदमे में तीन सदस्यीय पीठ के द्वारा 29 अक्टूबर से सुनवाई का निर्णय किया है, इसका हम स्वागत करते है.” उन्होंने कहा, ”हम विश्वास करते है कि शीघ्रातिशीघ्र मुकदमे का न्यायोचित निर्णय होगा.”उल्लेखनीय है कि सुप्रीम कोर्ट ने ‘मस्जिद इस्लाम का अभिन्न अंग है या नहीं’ के बारे में शीर्ष अदालत के 1994 के फैसले को फिर से विचार के लिए पांच सदस्यीय संविधान पीठ के पास भेजने से गुरुवार को इनकार कर दिया. यह मुद्दा अयोध्या भूमि विवाद की सुनवाई के दौरान उठा था.चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली शीर्ष अदालत की पीठ ने 2:1 के बहुमत के फैसले में कहा कि दीवानी वाद का फैसला सबूतों के आधार पर होना चाहिए. पहले आये फैसले की यहां कोई प्रासंगिकता नहीं है.चीफ जस्टिस मिश्रा और अपनी ओर से फैसला पढ़ते हुए जस्टिस अशोक भूषण ने कहा कि उसे देखना होगा कि 1994 में पांच सदस्यीय पीठ ने किस संदर्भ में फैसला दिया था. उन्होंने कहा कि मौजूदा मामले में 1994 का फैसला प्रासंगिक नहीं है क्योंकि उक्त निर्णय भूमि अधिग्रहण के संबंध में सुनाया गया था. हालांकि, जस्टिस एस. अब्दुल नजीर अपने फैसले में पीठ के अन्य दो सदस्यों से इत्तेफाक नहीं रखते हैं.
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