प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को झारखंड की राजधानी रांची से स्वास्थ्य सुरक्षा देने वाली महत्वाकांक्षी प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना ‘आयुष्मान भारत’ का शुभारंभ किया. साथ ही इस योजना के लाभार्थियों को ई-हेल्थ कार्ड भी दिए. ‘आयुष्मान भारत योजना’ को दुनिया की सबसे बड़ी हेल्थकेयर स्कीम कहा जा रहा है. इस योजना का लाभ देश के कुल 10.74 करोड़ परिवारों को मिलेगा. योजना की शुरुआत करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि ‘आयुष्मान भारत’ मानवता के इतिहास में एक बड़ी मिसाल बनने जा रहा है. उन्होंने कहा कि अब अमीरों की तरह गरीबों को भी स्वास्थ्य सुविधाएं मिलेंगी.पीएम मोदी ने कहा, ‘काम कैसे होता है, कितनी तेज गति से होता है, कितना व्यापक होता है, इससे बड़ा कोई उदाहरण नहीं हो सकता. आज आयुष्मान भारत योजना के संकल्प के साथ प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना लागू हो रहा है. इसे हर कोई अपने-अपने अनुसार नाम दे रहा है. कोई इसे मोदी केयर कह रहा है. कोई कहता है कि गरीबों के लिए योजना है. मगर मेरे लिए यह हमारे देश के दरिद्र नारायण को सेवा करने का अवसर है.उन्होंने कहा, ‘पूरी दुनिया में सरकारी पैसे से इतनी बड़ी योजना किसी भी देश में नहीं चल रहा. इस योजना के लाभार्थियों की संख्या कल्पना नहीं कर सकते. पूरा यूरोपिय यूनियन, 27-28 देश, की जितनी आबादी है, उतने लोगों को यह भारत में आयुष्मान योजना का लाभ मिलेगा. पूरे अमेरिका की जनसंख्या, कनाडा और मैक्सिको देश की जनसंख्या मिला ले, तो उससे भी ज्यादा लोगों को इस योजना का लाभ मिलेगा.’पीएम मोदी ने कहा, ‘मैं प्रार्थना करूंगा कि ऐसी बुरी अवस्था न आए कि किसी को आरोग्य योजना का लाभ लेना पड़े, मगर जरूरत पड़ी, तो यह आयुष्मान भारत योजना आपकी सेवा में हाजिर रहेगा. अब अमीर की तरह ही गरीब की तरह स्वास्थ्य सेवा मिलेगी. मेरे देश के गरीब को भी वही सुविधा मिलेगी, जो अमिर को मिलेगी.’पीएम मोदी ने कहा, ‘आयुष्मान भारत योजना से दो महापुरुषों का नाता जुड़ा है. अप्रैल में जब योजना के पहले चरण शुरू हुआ था, तो उस दिन बाबा साहेब अंबेडकर का जन्मदिन था. अब इसी कड़ी में प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना दीन दयाल उपाध्याय के जन्मदिवस से दो दिन पहले शुरू हुई है.’प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, ‘देश में बेहतर इलाज सीमित लोगों तक न रहे. इसी भावना के साथ यह योजना देश को समर्पित कर रहा हूं. ताकि सबको बेहतर इलाज मिले. जब भारत के हेल्थ सेक्टर की बात होती है, तो कहा जाता है कि परिवार में कमाई का ज्यादा हिस्सा बीमारियों में खर्च हो जाता है. बीमारी इंसान को बदहाल कर देता है. लेकिन अब ऐसा नहीं होगा, क्योंकि आपके पास आयुष्मान भारत योजना है.’पीएम मोदी ने कहा कि गरीबी हटाओ के नारे आजादी के समय से ही सुन रहे हैं. गरीबों के आंख में धूल झोंकने वाले लोग अगर आज से तीस-पचास साल पहले लोग गरीबों के नाम पर राजनीति करने वाले अगर गरीबों को सशक्त करने का काम करते तो ऐसी हालत नहीं होती. उनकी गलतियों की वजह से देश को भुगतना पड़ रहा है. वह सोचते हैं कि गरीब कुछ मांगते हैं. यह उनकी सोच है. मोदी ने कहा, ‘गरीब जितना स्वाभिमानी होता है, शायद उस स्वाभिमान को नापने की आपके पास कोई तराजू नहीं. मैंने गरीबी को जिया है, गरीबी से निकला हूं. गरीबों के स्वाभिमान को भी जिया है. हर चुनाव में टुकड़े फेंको और राजनीतिक उल्लू सीधा करो, यही चलता है. देश गरीबी से मुक्ति की ओर बढ़ रहा है.’मोदी ने कहा, ‘आप 14555 नंबर पर फोन करके या फिर अपने नजदीकी कॉमन सर्विस सेंटर पर भी योजना के बारे में जान सकते हैं. 5 लाख तक का जो खर्च है, उसमें अस्पताल में भर्ती होने के अलावा जरूरी जांच, दवाई, भर्ती से पहले का खर्च और इलाज पूरा होने तक का खर्च भी शामिल है. अगर किसी को पहले से कोई बीमारी है, तो उस बीमारी का भी खर्च इस योजना द्वारा उठाया जाएगा.’पीएम मोदी ने कहा, ‘ये मिशन सही मायने में एक भारत, सभी को एक तरह के उपचार की भावना को मज़बूत करता है. जो राज्य इस योजना से जुड़े हैं, उनमें रहने वाले व्यक्ति किसी भी राज्य में जाएं, उन्हें इस योजना का लाभ मिलता रहेगा. अभी तक देशभर के 13,000 से अधिक अस्पताल जुड़ चुके हैं.’प्रधानमंत्री ने कहा, ‘आज ही यहां पर 10 वेलनेस-सेंटर्स का भी शुभारंभ किया गया है. अब झारखंड में करीब 40 ऐसे सेंटर्स काम कर रहे हैं और देशभर में इनकी संख्या 2300 तक पहुंच चुकी है. अगले 4 वर्षों में देशभर में ऐसे डेढ़ लाख सेंटर्स तैयार करने का लक्ष्य है.’
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