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Friday, May 9, 2025 8:48:58 PM

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राफेल डील पर हिंदुस्तान ही नहीं बल्कि फ्रांस में भी आया सियासी भूचाल

राफेल डील पर हिंदुस्तान ही नहीं बल्कि फ्रांस में भी आया सियासी भूचाल

राफेल डील पर सिर्फ हिंदुस्तान ही नहीं बल्कि फ्रांस में भी सियासी भूचाल आ गया है. फ्रांस के पूर्व राष्ट्रपति फ्रांस्वा ओलांद ने एक इंटरव्यू में दावा किया कि मोदी सरकार ने रिलायंस डिफेंस को साझीदार बनाने का प्रस्ताव दिया था. वहीं, फ्रांस सरकार ने इस पर सफाई दी है.ओलांद ने इंटरव्यू में खुलासा किया है कि भारत ने जिस सर्विस ग्रुप का नाम दिया उससे दसॉल्ट कंपनी ने बात की. ओलांद का कहना है कि दसॉल्ट ने रिलांयस ग्रुप के अनिल अंबानी से संपर्क किया. फ्रांस के पास कोई दूसरा विकल्प नहीं था. वहीं, फ्रांस सरकार का कहना है कि दसॉल्ट ने खुद भारत की रिलायंस डिफेंस का चुनाव किया.फ्रांस के पूर्व राष्ट्रपति फ्रांस्वा ओलांद का इंटरव्यू करने वाले पत्रकार ने कहा, भारत का यह कहना गलत है कि भारतीय और फ्रांस सरकार दसॉल्ट एविएशन और रिलायंस डिफेंस के बीच हुई डील में शामिल नहीं थीं. फ्रांस्वा ओलांद का इंटरव्यू लेने वाले पत्रकार एंटन रोगट ने कहा कि ओलांद ने स्पष्ट रूप से कहा था कि भारत सरकार ने फ्रांसीसी अधिकारियों को रिलायंस डिफेंस का नाम प्रस्तावित किया था.एंटन रोगट: पूर्व फ्रांसीसी राष्ट्रपति जो दसॉल्ट एविएशन और रिलायंस डिफेंस के बीच राफेल डील पर हस्ताक्षर करने के लिए ऑफिस में मौजूद थे, उन्होंने साफ तौर पर बताया था कि भारत सरकार ने रिलायंस का नाम फ्रांसीसी अधिकारियों को प्रस्तावित किया है. फ्रांस्वा ओलांद ने इंटरव्यू में दावा किया कि मोदी सरकार ने रिलायंस डिफेंस को साझेदार बनाने का प्रस्ताव दिया था.एंटन रोगट: उन्होंने हमें भारत सरकार के उद्देश्यों के बारे में कुछ नहीं बताया. हमें जानकारी नहीं कि ओलांद को इस बारे में कुछ पता था या नहीं. वहीं फ्रांसीसी अधिकारियों ने इसे इसलिए स्वीकार कर लिया क्योंकि राफेल डील फ्रांस के लिए महत्वपूर्ण थी.एंटन रोगट: डील के फिल्म कनेक्शन पर भी ओलांद ने जानकारी दी. उन्होंने अपनी सहयोगी जूली गायेट की फिल्म का रिलायंस एंटरटेनमेंट से कोई कनेक्शन होने से इनकार किया. ओलांद ने कहा फिल्म और राफेल डील का एक दूसरे से कुछ लेना देना नहीं
एंटन रोगट: इस हफ्ते उनसे दो बार बातचीत हुई.गौरतलब है कि राफेल डील पर ओलांद के बयान के बाद जमकर बयानबाज़ी हो रही है. फ्रांस सरकार ने साफ कहा है कि फ्रेंच कंपनी को पूरी आज़ादी थी और कंपनी ने खुद ही इस करार के लिए रिलायंस डिफेंस को चुना. वहीं कंपनी ने भी अपनी सफाई में कहा है कि उनके सीईओ ने खुद मेक इन इंडिया के तहत रिलायंस का चुनाव किया था. यानी अब फ्रांस सरकार और फ्रेंच कंपनी एक हो गई हैं और ओलांद अपने बयान की वजह से अकेले पड़ गए हैं.

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