भारत और पाकिस्तान के विदेश मंत्रियों के बीच होने वाली प्रस्तावित बैठक के रद्द होने के एक दिन बाद पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने शनिवार को कहा कि उनके ‘शांति वार्ता’ के प्रति भारत की ‘अहंकारी और नकारात्मक’ प्रतिक्रिया से वो निराश हैं. पाकिस्तानी प्रधानमंत्री ने भारत के नेतृत्व पर बड़ी और दूरदर्शी सोच नहीं रख पाने का भी आरोप लगाया.कश्मीर में तीन पुलिसकर्मियों की हत्या के बाद भारत ने सुषमा स्वराज और पाकिस्तानी समकक्ष शाह महमूद कुरैशी के बीच होने वाले प्रस्तावित बातचीत को रद्द कर दिया था.प्रधानमंत्री खान ने एक ट्वीट में कहा,‘शांति वार्ता फिर से शुरू किये जाने के लिए मेरे आह्वान पर भारत के अहंकारी और नकारात्मक रूख से निराश हूं.’ भारत द्वारा बैठक रद्द किये जाने पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा, ‘हालांकि मैंने अपने पूरे जीवन देखा है कि छोटे लोग बड़े पदों पर आसीन रहे हैं और उनके पास बड़ी तस्वीर देने का दृष्टिकोण नहीं हैं.’
विदेश मंत्रालय ने कहा कि मौजूदा हालात में बातचीत के कोई मायने नहीं हैं. इसके साथ ही पाकिस्तान की ओर से कश्मीरी आतंकी बुरहान वानी की याद में डाक टिकट जारी किए जाने को भी बातचीत रद्द करने का एक कारण बताया
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने कहा, ‘अब यह साफ हो चुका है कि पाकिस्तान की ओर से नयी शुरुआत करने के लिए बातचीत का प्रस्ताव उसके नापाक एजेंडे को उजागर करता है और उसके नए प्रधानमंत्री इमरान खान का असली चेहरा उनके कार्यकाल के कुछ ही महीनों में दुनिया के सामने आ चुका है. ऐसे वातावरण में पाकिस्तान के साथ किसी भी तरह की कोई बातचीत अर्थहीन है.’गुरुवार को बातचीत के लिए हामी भरते हुए भारत ने इस बात का खुलासा किया था कि पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने प्रधानमंत्री मोदी को चिट्ठी लिखकर दोबारा से दोनों देशों के बीच बातचीत शुरू करने का आग्रह किया है.14 सितंबर को लिखी गई एक चिट्ठी में क्रिकेटर से नेता बनें और पिछले महीने ही पाकिस्तान के प्रधानमंत्री बने इमरान खान ने कुरैशी और स्वराज के बीच मुलाकात का प्रस्ताव रखा था. बता दें कि जनवरी 2016 को पठानकोट एयरबेस पर आतंकी हमले के बाद व्यापक द्विपक्षीय वार्ता ठप हो चुका था.
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