Breaking News

आवश्यकता है “बेखौफ खबर” हिन्दी वेब न्यूज़ चैनल को रिपोटर्स और विज्ञापन प्रतिनिधियों की इच्छुक व्यक्ति जुड़ने के लिए सम्पर्क करे –Email : [email protected] , [email protected] whatsapp : 9451304748 * निःशुल्क ज्वाइनिंग शुरू * १- आपको मिलेगा खबरों को तुरंत लाइव करने के लिए user id /password * २- आपकी बेस्ट रिपोर्ट पर मिलेगी प्रोत्साहन धनराशि * ३- आपकी रिपोर्ट पर दर्शक हिट्स के अनुसार भी मिलेगी प्रोत्साहन धनराशि * ४- आपकी रिपोर्ट पर होगा आपका फोटो और नाम *५- विज्ञापन पर मिलेगा 50 प्रतिशत प्रोत्साहन धनराशि *जल्द ही आपकी टेलीविजन स्क्रीन पर होंगी हमारी टीम की “स्पेशल रिपोर्ट”

Saturday, March 22, 2025 12:01:34 PM

वीडियो देखें

केंद्रीय मंत्रीमंडल ने तीन तलाक को दंडनीय अपराध बनाने वाले अध्यादेश को किया पास,पुरुष को हो सकती है तीन साल सजा

केंद्रीय मंत्रीमंडल ने तीन तलाक को दंडनीय अपराध बनाने वाले अध्यादेश को किया पास,पुरुष को हो सकती है तीन साल सजा

केंद्रीय मंत्रीमंडल ने बुधवार को तीन तलाक को दंडनीय अपराध बनाने वाले अध्यादेश को पास कर दिया है. तीन तलाक बिल को संसद के दोनों सदनों में पास कराने में असफल रहने पर केंद्र सरकार ने अध्यादेश का रास्ता चुना है. कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में इसकी जानकारी दी.इस अध्यादेश में मुस्लिम महिला (विवाह अधिकार संरक्षण) विधेयक की तरह ही प्रावधान होंगे. इस बिल को पिछले साल दिसंबर में लोकसभा में पारित कर दिया गया था. हालांकि राज्यसभा में जहां सरकार के पास संख्याबल कम है वहां हंगामे के चलते इस बिल पर बहस भी नहीं हो पाई थी.मोदी कैबिनेट ने भले ही अध्यादेश पास कर दिया है लेकिन इसे संसद में पास कराना सरकार के लिए अनिवार्य होगा. सुप्रीम कोर्ट ने जनवरी 2017 में फैसला दिया था कि अध्यादेश लाने की शक्ति कानून बनाने के लिए समांतर ताकत नहीं है. कोर्ट ने कहा था कि किसी बिल के पास नहीं होने पर उसके लिए अध्यादेश लाना संविधान के साथ धोखाधड़ी है और इसलिए इसकी अनुमति नहीं दी जा सकती है.तीन तलाक बिल का राज्यसभा में कड़ा विरोध हुआ था. विपक्षी नेताओं ने मांग की थी कि इस बिल को कड़े परीक्षण के लिए संसदीय समिति के पास भेजा जाना चाहिए. प्रस्तावित कानून पर बढ़ते विरोध को देखते हुए केंद्र सरकार ने इस मुद्दे पर सभी राज्य सरकारों से राय भी मांगी थी. ज्यादातर राज्य सरकारों ने इसका समर्थन किया था.इस बिल के तहत तुरंत तीन तलाक (तलाक-ए-बिद्दत) को अपराध की श्रेणी में रखा गया. अपनी पत्नी को एक बार में तीन तलाक बोलकर तलाक देने वाले मुस्लिम पुरुष को तीन साल की जेल की सजा हो सकती है. इस बिल में मुस्लिम महिला को भत्ते और बच्चों की परवरिश के लिए खर्च को लेकर भी प्रावधान है. इसके तहत मौखिक, टेलिफोनिक या लिखित किसी भी रूप में एक बार में तीन तलाक को गैर-कानूनी करार दिया गया है.पिछले साल अगस्त में सुप्रीम कोर्ट ने एक बार में तीन तलाक को गैर कानूनी और असंवैधानिक करार दिया था. तीन तलाक के संबंध में कई मुस्लिम महिलाओं ने याचिका लगाई थी कि उनके पतियों ने उन्हें स्काइप या वॉट्सऐप के जरिये तलाक दिया है और उन्हें बेसहारा छोड़ दिया है.

व्हाट्सएप पर शेयर करें

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *