(रिपोर्ट : शादाब हुसैन )एक ऐतिहासिक कदम उठाते हुए सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को मान्यता प्राप्त व गैर-मान्यता प्राप्त पत्रकारों को अदालतों के भीतर मोबाइल फोन ले जाने की अनुमति दे दी। हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने साफ किया कि पत्रकारों को अदालतों में अपने मोबाइल फोन को साइलेंट मोड में रखना होगा। अगर मोबाइल फोन उपयोगकर्ता की वजह से किसी भी प्रकार की अशांति पैदा हुई तो इसका अर्थ मोबाइल की जब्ती को आमंत्रित करना होगा। सर्कुलर के मुताबिक, जिन मीडियाकर्मियों को रजिस्ट्री की ओर से छह महीने का पास जारी किया गया है, वे मोबाइल फोन साइलेंट मोड की शर्त पर अदालतों में ले जा सकेंगे। इसका निर्णय डिप्टी रजिस्ट्रार (पब्लिक रिलेशंस) के पास होगा कि अमुक पत्रकार अदालतों में मोबाइल लेकर जाएगा या नहीं। सर्कुलर में चेतावनी भी दी गई है कि अगर शोरगुल हुआ तो कोर्ट मास्टर द्वारा मोबाइल को जब्त कर लिया जाएगा और अतिरिक्त रजिस्ट्रार (सिक्युरिटी) को सौंप दिया जाएगा। बता दें कि मई में जारी एक सर्कुलर के अनुसार, केवल मान्यता प्राप्त पत्रकारों को ही सुप्रीम कोर्ट की अदालतों में मोबाइल फोन ले जाने की अनुमति दी गई थी। जिसके बाद कुछ पत्रकारों ने यह मामला चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा के समक्ष उठाया था। जिसके बाद अब यह सर्कुलर जारी किया गया है।
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