विपक्षी दल महागठबंधन के जरिए केंद्र में सत्ता पर काबिज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को 2019 में होने वाले आम चुनावों में हराने की हरसंभव कोशिश में जुटे हैं. महागठबंधन को विस्तृत करने की कवायद में जुटे विपक्षी दलों को आज उस समय तगड़ा झटका लगा जब एनडीए में शामिल एक अहम सहयोगी दल ने तेजस्वी यादव का ऑफर ठुकरा दिया.केंद्रीय मंत्री उपेंद्र कुशवाहा ने तेजस्वी यादव की ओर से महागठबंधन में शामिल होने के न्योते को स्वीकार करने से मना कर दिया. उन्होंने कहा कि वह एनडीए में ही रहेंगे. उनकी महागठबंधन में जाने की कोई इच्छा नहीं है. कुशवाहा ने कहा- ‘तेजस्वी बोल रहे हैं. बोलने दीजिए. हम एनडीए में हैं और हमेशा रहेंगे.’बिहार के कद्दावर नेताओं में शुमार किए जाने वाले कुशवाहा नरेंद्र मोदी की अगुवाई वाली एनडीए सरकार में शामिल अहम सदस्य हैं. उनकी पार्टी राष्ट्रीय लोक समता पार्टी ने फरवरी 2014 में ऐलान किया था कि वह बीजेपी की अगुवाई में एनडीए में शामिल होगी. 2014 आम चुनाव में बीजेपी के साथ करार में उसे 3 सीट पर चुनाव लड़ने का मौका मिला जिसमें वह सभी 3 सीटों पर चुनाव जीतने में कामयाब रही.कुशवाहा बिहार को कराकट लोकसभा सीट से सांसद हैं और मोदी सरकार में मानव संसाधन विकास राज्य मंत्री हैं.तेजस्वी के कुशवाहा को यह ऑफर देने की वजह एनडीए के खेमे में कुशवाहा की पार्टी आरएलएसपी की नाराजगी है. अभी तक एनडीए में सबसे बड़ी पार्टी बीजेपी ने यह साफ किया है कि जेडी(यू) के नीतीश कुमार ही बिहार में एनडीए का प्रमुख चेहरा होंगे. कुछ दिनों पहले आरएलएसपी की ओर से कहा गया कि बिहार में एनडीए का चेहरा कुशवाहा को होना चाहिए.बिहार में 40 लोकसभा सीटों के लिए एनडीए का फॉर्मूला अभी सामने नहीं आया है. जेडी(यू) 40 में से 25 सीटों पर चुनाव लड़ने की बात कर रही है. इसके अलावा एनडीए में शामिल लोजपा ने सात सीटों पर अपना दावा किया है. कुशवाहा की आरएलएसपी भी तीन सीटों की दावेदारी कर रही है. ऐसे में बिहार में बीजेपी के लिए केवल पांच सीटें बचती हैं, जो कि बीजेपी को मान्य नहीं होगा.इससे पहले आरजेडी नेता और बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने रविवार को उपेंद्र कुशवाहा को महागठबंधन में शामिल होने का न्योता दिया. खास बात यह रही कि तेजस्वी ने कुशवाहा को प्रभावित करने के लिए एक के बाद एक करके 3 ट्वीट कर डाले.उन्होंने अपने पहले ट्वीट में कहा कि हम उपेंद्र कुशवाहा को महागठबंधन में शामिल होने का न्योता देते हैं. उन्हें पिछले 4 साल से एनडीए में उपेक्षित किया जा रहा है. बीजेपी उनके साथ सौतेला और पराया व्यवहार कर रही है. इसी दौरान बीजेपी ने नीतीश के साथ मिलकर उनकी पार्टी को तोड़ने की कोशिश भी की.उपेन्द्र कुशवाहा जी सामाजिक न्याय की धारा से आते है इसलिए उन्हें गोडसे-गोलवलकर और गांधी-अंबेडकर की दो धाराओं में से एक को चुनना होगा। BJP संविधान को ख़त्म कर रही जिससे आरक्षण स्वतः ही समाप्त हो जाएगा। इसके बाद तेजस्वी ने मोदी सरकार पर उपेंद्र कुशवाहा की काबिलियत का सही इस्तेमाल नहीं करने का आरोप भी लगाया. फिर अपने तीसरे ट्वीट में उन्होंने संविधान बचाने की लड़ाई में उचित फैसला लेने की बात कही. हालांकि, कुशवाहा ने तेजस्वी के इस खुले प्रस्ताव को नकार दिया.
व्हाट्सएप पर शेयर करें
No Comments






