(रिपोर्ट :शादाब हुसैन )यक़ीन ना हो तो सरकार से पूछिए.. जंग के दौरान भी सेना निहत्थों पर वार नहीं करती है, ये जंग के उसूलों के ख़िलाफ़ है, लेकिन यहाँ की सेना कश्मीरियों को शायद इंसान ही नहीं मानती है, उसकी नज़र में हर कश्मीरी सिर्फ एक आतंकी है, भले ही वो चुनाव में एक पार्टी को चुनने वाला हम आप जैसा देश का नागरिक ही क्यों ना हो..! आज जाट, गुज्जर, कुर्मी,राजपूत सभी अपनी बात मनवाने सड़क पर निकल आते हैं, कोई पटरियाँ उखाड़ देता है, कोई सड़क पर खड़ी गाड़ियों में आग लगा देता है, तो कोई इन्ही ज़बर्दस्ती के दंगों में औरतों के साथ बलात्कार तक कर जाता है, फिर भी सरकार उनपर गोलियाँ नहीं चलती है, ना ही उनके साथ बहुत कठोरता से पेश आती है, क्यों?
जबकि, कश्मीरियों के साथ इसका ठीक उलटा है, वो अगर अपनी बात मनवाने सड़क पर आ जाएं तो, वहाँ मौजूद सेना उन्हें पैलेट गन से छलनी कर देती है, उनपर गाड़ियाँ चढ़ा देती है, आंसू गैस के गोले छोड़ दिये जाते हैं, घर की खिड़कियों को निशाना बनाया जाता है, अगर इतने से भी उनके मांग पूरी करवाने के हौसले में कमी नहीं आती है तो रात में उनके घर मे घुस कर उनके सामने उनकी औरतों की आबरूरेजी की जाती है..! आज जब भारतीय सेना ज़बर्दती कश्मीरियों पर जुल्म कर रही है, तो इस वक़्त पूरा देश खड़ा सिर्फ तमाशा देख रहा है, जो कुछ भी आवाज़ें आ रही हैं, वो सिर्फ सेना की वाहवाही में आ रही है, कश्मीरियों को समझने वाला इंसानियत की बात करने वाला यहाँ शायद ही कोई दिखाई दे..! आज जो आप चुप हैं, असल मे ज़रा भी नहीं जानते हैं, कश्मीरियों के साथ आज़ादी के बाद से सेना ने कितना ज़ुल्म किया है, उनकी जगह अगर हमारे देश के गुज्जर, जाट, शिवसेना, हिन्दू महासभा के लोग होते तो आज कश्मीर में वही सीन वही होता जो कुछ दिन पहले उत्तर प्रदेश और हरियाणा में दिखाई दिया था..! ये जो कश्मीरी हैं ना, हिंदुस्तान इनका वतन है, और ये जो भारत की सेना है ना, ये उनके दिल से हिंदुस्तान से मुहब्बत निकाल रही है, और आप पूछते हैं, वो भारत से मुहब्बत नहीं करते, भारत को अपना देश नहीं मानते। ज़रा एक बार उनसे पूछिये, आपकी थोड़ी सी मुहब्बत में वो आप पर क्या निसार कर देते हैं, जो कश्मीर हो कर आये हैं, वो इस बात को बख़ूबी अहसास कर सकते हैं। आज जब, कोई पुलिस वाला ग़लत चालान कर देता है तो आप पुलिस वाले सहित पूरे भारत के सिस्टम को ना जाने क्या क्या कह डालते हैं, रहने लायक देश नहीं है, यहाँ तक कह देते हैं..पर सेना तो कश्मीरियों की आँखों की रैशनी ले लेती है, ख़ूबसूरत चेहरे को छलनी कर देती है, बीवी के सामने उनके शौहर पर गाड़ियाँ चढ़ा देती है, और शौहर के सामने उनकी बच्चियों और बीवी के साथ बदतमीजी करती है, सोचिए फिर भी वो किस तरह आज भी हिंदुस्तानी हैं..! आज काश्मीरी कुछ सवाल कर रहे हैं, उन्हें जवाब चाहिए ना कि उनके बदन पर गाड़ी या चेहरे पर पैलेट गन के निशान ना अपनी बिखरी इज़्ज़त, क्या आप मे इतना जज़्बा है कि आप उनके सवाल तक को सुन पाएं?
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