ज्यूँ ज्यूँ इतिहास के पन्ने को पलटता हूँ वीरों के साथ गद्दारों का दृष भी दिखता है. ज्यूँ ज्यूँ आगे बढ़ता हूँ देश भगतों के साथ देश द्रोहियों का नाम भी पढ़ता हूँ. ज्यूँ ज्यूँ देश के विकास का अध्यन करता हूँ जिद्दी मूर्खों के किस्से भी को पढता हूँ. मै कौन हूँ? मै आजाद देश का देश भक्त और जिम्मेदार बेरोजगार युवा नागरिक हूँ, तो क्या हुआ जो मै गरीब हूँ कमस कम आजाद देश का तो हूँ. धन्य थे वे लोग जिन्होंने जान देकर भी हमें आजाद कराया. धन्य थे वे लोग जिन्होंने ज्ञान का सही उपयोग कर हमें लोकतंत्र जैसा हतियार दिया. धन्य थे वे लोग जिन्होंने हमें मताधिकार जैसा हतियार दिया. धन्य थे वे लोग जिन्होंने देश को अपनी सभ्यता और संस्कृति के साथ विकास की ओर अग्रसर किया. क्या होगा इस युग का इतिहास, क्या होगा इस युग के लोगों का इतिहास, क्या होगा आज के नेताओ का इतिहास? २०१९ सवार होने को है और अब ५ वर्षो का इतिहास भी बयां किया जायेगा. कितना भाईचारा बरक़रार रहा, विकास की गंगा का बहाव कितना रहा, देश का कितना नफा और कितना नुकसान हुआ? ऐसे न जाने कितने सवालों के साथ देश की जनता चकरगिन्नी खा रही है. इन सबके बीच देश की जनता के साथ देश के नेताओं को भी प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के इतिहास की फ़िक्र है. क्यूँ की जिन्होंने चवन्नी बंद की थी उनका तो आज बुरा हाल है.हजारे बैंड करने वालो का क्या? फकीरी लेखकों की कलम ने हमेशा ही सच लिखा है निस्वार्थ, बेख़ौफ़ और निडर लेखको की आज भी कमी नहीं है.कलम के सिपाहियों की स्क्रिप्ट तैयार है बस इन्तेजार है तो सिर्फ २०१९ के बिगुल बजने का, और सामने होगा पांच वर्षो का इतिहास
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