बीएस येदियुरप्पा ने बहुमत परीक्षण से पहले ही इस्तीेफा दे दिया है. इस बार वो केवल ढाई दिन के कर्नाटक के मुख्यमंत्री रहे. उन्होंने विधानसभा को संबोधित करते हुए कहा कि ‘मैं वापस आऊंगा, 150 से ज्यादा सीटें जीतकर आऊंगा.’ उन्होंने कहा कि बीजेपी के पास बहुमत नहीं है और वो अपना इस्तीफा राज्यपाल को सौंपने जा रहे हैं. येदियुरप्पा ने दिया इस्तीफा
बीजेपी के लिए सदन में 112 विधायकों का जादुई आंकड़ा जुटा पाना एक बड़ी चुनौती थी. कांग्रेस-जेडीएस ने अपने एक-एक विधायकों पर पहरा लगा रखा था और पूरे मामले पर सुप्रीम कोर्ट की नजर थी. राज्यपाल वजुभाई वाला ने येदियुरप्पा सरकार को शपथ भले ही दिला दी हो, लेकिन येदियुरप्पा की सरकार का जाना तय माना जा रहा था.इससे पहले येदियुरप्पा ने 2007 में शपथ लेने के 7 दिन के बाद बहुमत साबित न कर पाने के लिए हालत में उन्होंने सीएम के पद से इस्तीफा दे दिया था. इसके बाद उन्होंने इसे शहादत के दौर पर पेश किया. इसका नतीजा रहा कि बीजेपी एक साल के बाद जब चुनाव हुए तो 110 सीटों के साथ सत्ता में वापसी की.बहुमत आंकड़े से दूर बीजेपी
कर्नाटक विधानसभा में 222 सीटों के लिए चुनाव हुए हैं. बहुमत के लिए 112 सीटों की जरूरत थी. बीजेपी के 104 विधायक जीतकर आए हैं. जेडीएस के 37 और कांग्रेस के 78 विधायक और 3 अन्य दलों के विधायक जीत कर आए हैं. येदियुरप्पा को बहुमत साबित करने के लिए 8 अतिरिक्त विधायकों की जरूरत थी. जिस पार्टी नहीं जुटा पाई और फिर येदियुरप्पा ने सीएम पद से इस्तीफा दे दिया है.कांग्रेस-जेडीएस के विधायक उम्मीद के मुताबिक नहीं टूटे
गौरतलब है कि कांग्रेस और जेडीएस बीजेपी से अपने विधायकों को बचाने के लिए हरसंभव कोशिश की है. उन्हें पिछले चार दिनों से अपनी निगरानी में रखा और बीजेपी की सेंधमारी से बचाने के लिए उन्हें हैदराबाद ले जाना पड़ा.
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