शाहजहांपुर छठ पर्व के प्रति महिलाओं ने गजब की आस्था है। कोरोना काल में भी व्रती महिलाएं पारंपरिक पूजा को अडिग है। बोली मास्क के साथ पूजा करने के साथ छठ मइया से कोरोना के शमन की प्रार्थना करूंगी। दिलाजाक की सरिता यादव समेत व्रती महिलाओं ने भरोसा जताया कि छठ मइया की कृपा से नदी की धार में कोरोना बह जाएगा और चहुंओर सुख समृद्धि आएगी। तीन साल से छठ व्रत रख रही हूं। सुख समृद्धि की देवी छठ मइया से इस बार कोरोना महामारी से बचाव की भी प्रार्थना की है। छठ मइया की कृपा से नदी की धार में कोरोना बह जाएगा।
रज्जू देवी छठ आस्था के साथ शुद्धीकरण का पर्व है। नहाय खाय में शुद्ध होकर हाथ से बने खाद्यान्न के व्यंजन बनाए जाते है। इससे शरीर की प्रतिरोधक क्षमता भी बढ़ती है। कोरोना जैसे वायरस से बचाव होता है।
सोना देवी छठ पर्व पर जिस तरह डूबते सूरज से जीवन में ऊषा की किरण की अपेक्षा करते हैं, इसी तरह कोरोना के नाश की कामना करूंगी। छठ मइया के प्रताप से व्रती की यह प्रार्थना पूरी होगी।
माला देवी सूर्य देव जीवंत देवता है। जिन्हें हम देख सकते है। उन्हीं की आराधना का पर्व छठ है। सविता देवता अपनी बहन छठ मइया की आस्था के प्रति आस्था रखने वालों की प्रार्थना जरूर सुनेंगे।
ममता सुप्रीम कोर्ट ने सामूहिक पूजा पर रोक लगाई है। यह व्रती महिलाओं समेत सभी के लिए हितकर है। मास्क व दो गज दूरी के साथ इस बार पर्व मनाना चाहिए। मैने भी यही संकल्प लिया है।
पुष्पा श्रीवास्तव
50 साल में पहली बार देखा आस्था पर संकट
शाहजहांपुर कोविड संक्रमण से बचाव को छठ की सामूहिक पूजा पर रोक से राजपती देवी बेहद व्यथित है। उनका कहना है कि करीब 50 साल से पूजा को देख रही है। पर्व को मिलजुलकर मनाने की परंपरा रही है। पहली बार सुप्रीम कोर्ट ने सामूहिक पूजा पर रोक लगा दी है। उन्होंने कहा कि छठ में शुद्धीकरण का विशेष महत्व है। 37 घंटे का व्रत भी विशेष संदेश देता है। व्रत रखने पर प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है। सामान्य दिनों में भी उपवास रखने के साथ शुद्धीकरण पर ध्यान देना चाहिए। हाथ से बना खाद्यान्न का प्रयोग करने पर जीवाणु, विषाणु समेत रोगों से बचाव होगा।
व्हाट्सएप पर शेयर करें
No Comments






