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Monday, March 24, 2025 9:51:06 PM

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जनपद भदोई सरकार के दिशा-निर्देश को मानना हम सभी का परम कर्तव्य।* *अब कोरोना की ‘लगाम’ आम ‘जनता’ के हाथ में…..

जनपद भदोई सरकार के दिशा-निर्देश को मानना हम सभी का परम कर्तव्य।* *अब कोरोना की ‘लगाम’ आम ‘जनता’ के हाथ में…..
से बेखौफ खबर के लिए स्वतंत्र पत्रकार रिपोर्ट प्रदीप विक्की की रिपोर्ट

जनपद भदोई

भदोही। जिस तरह देश में कोरोना की भयावहता देखने को मिल रही है। उससे आशंका जताई जा रही है कि इसे रोकने में केवल देश का हर नागरिक यानि आम जनता ही महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। क्योकि ऐसा इसलिए लग रहा है कि शासन प्रशासन के लाख कहने के बावजूद भी ‘जनता’ अपने मनमानी कार्यों से परहेज नही किया और आज भी बहुत लोग है जो लापरवाही कर रहे है। मानों उनको लगता है कि जैसे कोरोना का संक्रमण उनको प्रभावित नही कर सकता है। कुछ ऐसे लोगो की देखा देखी और लोग भी मनमानी करते है। जिससे स्थिति दिन पर दिन बिगड़ती जा रही है। और लोग अपने दोष को देखकर केवल शासन और प्रशासन को दोष देने में लगे है। जबकि खुद अपनी जिम्मेदारी का ध्यान नही है।
विचार किया जाये तो पता चलता है कि जो भी शासन या प्रशासन के लोग है वे पिछले वर्ष मार्च से ही कोरोना के संक्रमण से बचने के लिए विविध उपाय बता रहे है और सरकार के तरफ से जारी गाइडलाइंस का पालन करने की अपील कर रहे है लेकिन जनता को इस अपील से क्या पडी है? मनमानी और लापरवाही करना उनके एक एक बूंद में भरा है तो सरकार के नियम के आगे अपने को कैसे रोंके? और यही मनमानी और लापरवाही आज पूरे देश पर कहर बन कर टूट रही है और लोग है कि केवल सरकार पर ही दोष देने पर तूले है। आखिर आप सरकार को दोष देने में आगे है लेकिन सरकार के तरफ से बनाये गये नियम कानून को पालन करना ही नही चाहते या करते है तो केवल खानापूर्ति। आखिर इस तरह के कार्य से देश से कोरोना महामारी को कैसे समाप्त किया जायेगा। जब तक देश का हर एक नागरिक इस महामारी की समाप्ति को लेकर संकल्पित होकर सरकार के तरफ से जारी गाइडलाइंस का अक्षरशः पालन नही करेगा तब तक यह कोरोना देश के लोगो पर अपना प्रभाव ऐसे ही करता रहेगा। इसलिए अब तो निश्चित हो गया है कि कोरोना नामक घोडे को आगे बढने से रोकने के लिए उसकी लगाम आम जनता के हाथ में है। चाहे जनता अपनी बुद्धि से कोरोना को रोके या अपनी लापरवाही या मनमानी से आगे बढने में सहायक हो। क्योकि बीते साल से ही सरकार ने अपने स्तर से कई प्रयास किये कुछ परिणाम अच्छे मिले लेकिन लोगो की लापरवाही ने सारा बना बनाया खेल बिगाड दिया। और देश में कोरोना की रफ्तार पिछले वर्ष की अपेक्षा इस वर्ष अधिक है। जो कही न कही बेहद चिंताजनक है।
देश में बढते संक्रमण को रोकने के लिए सरकार टेस्टिंग, वैक्सीनेशन और समुचित ईलाज के लिए प्रयासरत है और इस पर काफी सफलता भी सरकार को मिल रही है। लेकिन देश की इतनी आबादी को देखते हुए सभी को एक साथ सुविधा, दवा या ईलाज पहुंचाना बेशक मुश्किल कार्य है। जबकि सरकार और स्थानीय प्रशासन अपने स्तर से बेहतर करने पर जुटे है। और इसका परिणाम भी बेहतर दिख रहा है। बस इसमें और सकारात्मक परिणाम तब मिलना प्रारम्भ हो जायेगा जब आम जनता भी पूरी निष्ठा से सरकार के आदेश का पालन करेगी।
यदि वैक्सीनेशन पर नजर दौडाई जाये तो पूरे देश की जनता का इतना जल्दी वैक्सीनेशन नही हो पायेगा क्योकि इसमें में हर राज्य की और खुद सरकार की भी कुछ समस्या है कि इतने कम समय में परे देश की जनता का टीकाकरण किया जा सके। तो यह निश्चित है कि ‘जब तक दवाई नही तब तक ढिलाई नही’ पर कार्य करना तो एकदम जरूरी है। इसके लिए सबसे सही रास्ता यही है कि कोरोना संक्रमण के बचाव के लिए सरकार जो भी दिशा-निर्देश जारी कर रही है उसे शत प्रतिशत पालन करे और लोगो को भी पालन करने के लिए प्रेरित करें। क्योकि यदि सरकार के कंधे पर पुरी जिम्मेदारी रखकर हम मनमानी करते रहेंगे तो इस महामारी को रोकना तो बडी बात हम तनिक कम भी नही कर सकते है। इसलिए सरकार के तरफ से जारी सभी दिशा-निर्देश का कडाई से पालन करना देश के सभी नागरिकों का राष्ट्रधर्म है।
इस महामारी के दौर में देश में ऐसे भी लोग है जो केवल सरकार की बुराई खोजने और बुराई करने में लगे है। जबकि इस नाजुक दौर में विरोधियों और मीडिया को भी चाहिए कि सरकार के साथ सकारात्मकता के साथ मिलकर काम करे और सामूहिक रूप से इस महामारी को सबसे पहले देश से खत्म करने का प्रयास करे। फिर बाद में स्थिति सामान्य हो जाने पर राजनीति करे, विरोध करें और जो भी इच्छा हो करें लेकिन इस नाजुक दौर में सरकार के निर्णयों में सहभागी बनकर सबसे पहले देश को कोरोना महामारी से मुक्त करने में अपनी भूमिका निभाये।
जो लोग केवल सरकार के विरोध में रहकर केवल नुक्ताचीनी करते है और हर बात को केवल अपने राजनीति के चश्मे से देखते है। यदि उनको इस भयावह स्थिति में हालत संभालने को कह दिया जाये तो भाग खडे होंगे। क्योकि सरकार जो भी कर रही है बेशक उसपर सवाल उठाना गलत है। यदि कही कुछ खामियां दिख रही है तो कुछ लापरवाह और भ्रष्टाचारी जिम्मेदार लोगो की वजह से हो रही है। लेकिन इस तरह के मामले नाममात्र है। बाकी हर जगह सभी जिम्मेदार लोग अपनी जिम्मेदारी से कार्य कर रहे है। यदि लापरवाही या मनमानी के मामले दिखते है तो उसके पीछे कही न कही जनता ही जिम्मेदार है क्योकि जब सरकार के नियम कानून की अनदेखी की जायेगी तो परिणाम तो बेशक भयावह ही होंगे। जिसका असर पूरा देश देख रहा है।
इस महामारी दौर में कुछ ऐसे मानव के रूप मे राक्षस भी है जो मानवता को भूलकर मात्र पैसा कमाने के लिए दवाइयों और आक्सीजन गैस तथा अन्य चीजो की कालाबाजारी करने पर जुटे है जिससे एक गरीब असहाय और कमजोर वर्ग को इन सुविधाओं का सही लाभ मिलने में दिक्कत हो रही है। हालांकि सरकार इन लोगो पर नजर रखी है और जहां लोग पाये जा रहे है सख्त कार्यवाही भी हो रही है। इस तरह की गड़बड़ी में शामिल लोगो के खिलाफ राष्ट्रद्रोह का मामला दर्ज करके जेल भेजना चाहिए।
देश के नाजुक स्थिति में केवल सरकार और प्रशासन के लोगो के ऊपर ही जिम्मेदारी न छोडे खुद अपने भी कर्तव्य का अहसास करते हुए कोरोना महामारी से मुक्ति पाये। साथ में कोरोना को लेकर बेवजह की अफवाह को मानने व फैलाने से बचे। किसी भी तरह की कोई दिक्कत या आशंका होने पर स्थानीय जिले में बने कंट्रोल रूम या अपने चिकित्सक से सलाह लेकर समुचित ईलाज और परहेज करे। बेशक इसके परिणाम बेहतर देखने को मिल रहे है। साथ में यह भी प्रण करे कि इस महामारी को समाप्त करने में अपनी अहम भूमिका निभाते हुए सरकार के तरफ से जारी दिशा-निर्देश का पालन करते हुए लोगो को भी प्रेरित करेंगे। जब तक यह सोच देश के हर नागरिक के मन में नही पहुंचेगी और लोग अपने कर्तव्य को नही समझेंगे तो इस महामारी से लडना और मुश्किल होगा। बस जरूरत है कि सरकार के कंधे से कंधा मिलाकर चलने की जिससे इस महामारी से आराम से जीता जा सके। हम सब को सोचना चाहिए कि कोरोना संक्रमण को आगे बढने से रोकने की लगाम अब हमारे हाथ में है। यदि चाहे तो आगे बढेगा नही तो नही बढेगा। लेकिन एक बात तो सच है कि सरकार और आम जनता के संयुक्त प्रयास से भारत देश जल्द ही कोरोना महामारी से मुक्त होगा।

*लेखक- संतोष कुमार तिवारी*
*भदोही, उत्तर प्रदेश*
*9453366489*

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