खुद को बचाने के लिए पत्रकार को ही आरोपी बनाने लगती है पुलिस
बहराइच
पुलिस न जाने क्यों पत्रकारों से 36 का आंकड़ा रखती है अगर पुलिस गलत कार्य पर आवाज बुलंद की जाती है तो आवाज उठाने वाले पत्रकार को ही आरोपी बनाने लगती है इंडियन रिपोर्ट्स एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष राशिद अली ने कहा कि कोतवाली नानपारा पुलिस बड़े पैमाने पर पत्रकारों का उत्पीड़न कर रही है विगत दिनों पूर्व महिला पत्रकार भगवती वर्मा को नानपारा पुलिस ने अपमानित करने का कार्य किया जब महिला पत्रकार ने न्याय की गुहार लगाई तो सीओ नानपारा ने उनके विरुद्ध फर्जी आख्या लगा दी थाना राम गाँव पुलिस पत्रकार विवेक शुक्ला का उत्पीड़न कर रही है नानपारा कोतवाली के प्रभारी निरीक्षक व दरोगा अनुराग प्रताप सिंह ,मनोज कुमार सिंह खुद उनका उत्पीड़न कर रहे हैं जब मेरे द्वारा उच्च अधिकारियों को व्हाट्सएप व ट्वीटर के माध्यम से शिकायत की गई तो कोतवाली पुलिस ने 2018-2019 मेरे ऊपर एक उपजिलाधिकारी की शह पर दर्ज किए गए मुकदमें को दिखाया जाता है अब सवाल यह उठता है कि जो मुकदमा दर्ज है वह न्यायालय में ट्रायल पर है जब न्यायालय उक्त मुकदमों में दोषी करार देगा तभी तो मुज़रिम हो सकते हैं इस प्रकार से हर शिकायत पर पुराने मुकदमें दिखाकर मेरा मानसिक रूप से उत्पीड़न किया जा रहा है पुलिस पत्रकार जो ईमानदार होते हैं उनका उत्पीड़न करती है जबकि पुलिस हो या प्रसासनिक अधिकारी हो या नेता हो बिना पत्रकार के काम नही चलता है मगर पत्रकार उत्पीड़न पर कोई पत्रकार को न्याय दिलाने के लिए आगे नहीं आता है नानपारा पुलिस की ईमानदारी का अंदाज़ा इस बात से लगाया जा सकता है कि हर गुमटी में चिप्पड़, गांजा,की बिक्री की जा रही है नानपारा कस्बा स्मैक,चरस आदि मादक पदार्थों की बिक्री का बड़ा गढ़ माना जाता है यह सब अवैध कार्य किसकी सह पर चलते हैं नानपारा थाना क्षेत्र में अवैध डबल डेकर सैकड़ों बसें किसकी सह पर चलती है नानपारा कस्बा सहित अगल बगल के ग्रामीण क्षेत्रों में कच्ची शराब का कारोबार किसकी सह पर चलता है शायद नानपारा पुलिस को यह जानकारी ही नहीं है या सब जान कर अवैध रूप से कारोबार करने वाले लोगों की सरपरस्ती करते हैं नानपारा सर्किल के रुपईडीहा कस्बे में अवैध रूप से मनी चेंजर का कारोबार खूब फल फूल रहा है विगत माह कोतवाली क्षेत्र के ग्राम बंजारन टांडा निवासी एक महिला को तत्कालीन कोतवाली प्रभारी ने घर मे घुस का मारा पीटा महिला न्याय के लिए सीओ नानपारा के दफ्तर पर गई और वहीं गिर कर बेहोश हो गई थी मगर उसकी फरियाद नहीं सुनी गई थी उस महिला ने पुलिस अधीक्षक को भी प्राथना पत्र दिया था मगर नानपारा पुलिस ने लीपापोती कर ली थी नानपारा पुलिस शिकायत पर फर्जी आख्या लगाने में बहुत आगे है अब जब राष्ट्र के चौथे स्तंभ का ही सम्मान नही बचेगा वह आज़ादी के साथ में अपना काम नहीं कर पाएंगे तो लोगों की समस्या को उजागर करने का काम कौन करेगा यह एक बड़ा सवाल है ।
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