बहराइच। मंगलवार को जनपद के सीमावर्ती विकास खण्ड जरवल स्थित नदी संरक्षण केन्द्र, तप्पेसिपाह में बहराइच वन प्रभाग, बेसिक शिक्षा विभाग एवं टर्टल सर्वाइवल एलायंस के संयुक्त प्रयास से एकदिवसीय ‘स्वच्छ जलीय जीव संरक्षण’ कार्यशाला आयोजित की गयी। उक्त कार्यशाला में 40 प्राथमिक विद्यालयों के शिक्षक-शिक्षिकाओं को प्रशिक्षित किया गया। कार्यक्रम के द्वारा शिक्षको के माध्यम से विद्यालयों में बच्चों तक इन जलीय जीवों की जलीय परिस्थितिक तंत्र में योगदान तथा उनकी उपयोगिता के बारे में जागरूकता लाने में सहयोग मिलेगा। कार्यक्रम प्रभारी टी0एस0ए0 के भास्कर दीक्षित ने कार्यशाला में कार्यक्रम की आवश्यकता और जलीय जीवों के संरक्षण अभियान में शिक्षक कैसे एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते है इस पर प्रकाश डाला। टी एस ए की रेनू शर्मा ने प्रतिभागियो को अलग-अलग रोचक गतिविधियों के माध्यम से कछुओं के प्रकार, उनका निवास, उनका भोजन और उनपर विपत्ति के बारे में समझाया। वहीं, रिसर्चर व टी एस ए की सहयोगी श्रीपर्णा दत्ता ने ने कछुओं के बारे में वैज्ञानिक तथ्य बताए जो उनके संरक्षण एवं उनके खतरों को समझने के लिए अत्यंत आवश्यक है। कार्यशाला में जलीय जीव संरक्षण अभियान को स्कूलों के बच्चो तक ले जाने, व उनके परिवार को भी इस अभियान के साथ जोड़ने के लिए विभिन्न गतिविधियां कराई गई। अभियान का समापन मार्च अथवा अप्रैल माह में स्वच्छ जलीय संरक्षण मेला का आयोजन कराने के बाद किया जाएगा। जिसमे प्रत्येक चयनित विद्यालय से चुने हुए बच्चों के मध्य एक प्रतियोगिता आयोजित की जाएगी। कार्यशाला के सफल आयोजन में सहयोग हेतु टी एस ए के निदेशक डाo शैलेन्द्र सिंह ने जनपद के प्रभागीय वनाधिकारी मनीष सिंह, एवं खण्ड शिक्षा अधिकारी जरवल संतोष सिंह के सहयोग एवं हेतु धन्यवाद ज्ञापित किया। टर्टल सर्वाइवल एलाइंस विगत 11 वर्षो से घाघरा / सरयू नदी एवं उनसे जुड़ी अन्य सहायक नदियों एवं जलाशयों के जलीय जीवों के संरक्षण हेतु इस प्रकार के जनजागरूकता कार्यक्रम को लगातार चला रही है क्योंकि प्रदेश की अमूल्य जीव पर लगातार अवैध रूप से खतरा बढ़ता जा रहा है। अगर हमारे द्वारा यह ना बचाए गए तो आने वाले कुछ ही वर्षों में यह प्राणी विलुप्ति की कगार पर पहुंच जाएगे और फिर मनुष्य के जीवन पर भी संकट उत्पन्न हो जाएगा।
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