रुपईडीहा बहराइच । विकास खंड नवाबगंज के अंतर्गत ग्राम पंचायत गोकुलपुर में बना सामुदायिक शौचालय स्वच्छता अभियान को मुंह चिढ़ाता हुआ नजर आ रहा है। जहां एक तरफ सरकार द्वारा स्वच्छता अभियान पर लाखों रुपयों का बजट खर्च कर रही है। वही ग्राम पंचायत गोकुलपुर में लगभग 2 वर्ष पूर्व बना सामुदायिक शौचालय तैयार पड़ा है। परंतु विद्युत कनेक्शन के अभाव में निष्क्रिय पड़ा हुआ है। जिससे गांव की महिलाओं को शौच के लिए खुले में बाहर जाने पर मजबूर है।
बताया जाता है कि ग्राम पंचायत गोकुलपुर की पूर्व महिला प्रधान जमीदारिन के कार्यकाल में इस सामुदायिक शौचालय का निर्माण कराया गया था। इसके देखरेख के लिए गांव की ही सरवस्ती सोनकर नामक एक महिला नियुक्त है। जो प्रतिदिन शौचालय की देखरेख कर रही है। इस महिला ने बताया कि हमें अभी तक एक महीने का वेतन ही मिला है।और लगभग 11 महीने का वेतन अभी तक नहीं मिला है। इस संबंध में गोकुलपुर गांव निवासी दाताराम यादव ने पत्रकारों को बताया कि यह शौचालय ग्राम पंचायत की पूर्व महिला प्रधान के कार्यकाल में बनवाया गया था। गांव के अन्य ग्रामीणों ने बताया कि विद्युत विभाग के अधिकारियों की लापरवाही से अभी तक इस सामुदायिक शौचालय तक बिजली नहीं पहुंचाई गई है। शौचालय में समरसेबल लगा हुआ है। बिजली न होने की वजह से शौचालय अभी तक चालू नहीं हुआ है। गांव की महिलाएं शौच के लिए बाहर खेतों में जाने के लिए मजबूर है। ग्रामीण ने यह भी बताया कि सरकार द्वारा आवंटित धनराशि अर्थहीन हो चुका है। शौचालय का कोई प्रयोग नहीं तो इसे बनवाने का क्या मतलब। इसे बने लगभग दो वर्ष से अधिक हो चुके है परंतु कोई भी विभागीय अधिकारी देखने तक नहीं आया। इस संबंध में जब खंड विकास अधिकारी नवाबगंज शैलेंद्र कुमार सिंह पूछा गया तो उन्होंने बताया कि सामुदायिक शौचालय पूर्व महिला प्रधान के कार्यकाल में ही पूण रुप से बनकर तैयार हो गया था। परंतु विद्युत कनेक्शन न होने कारण अभी चालू नहीं हो सका है। हमने इस संबंध में ग्राम प्रधान गोकुल पुर को बता दिया है कि जल्द से जल्द ही विद्युत कनेक्शन लेकर शौचालय को चालू करा दो। इस संबंध में जब ग्राम सचिव को फोन किया गया तो उनका फोन नहीं उठा। इन सभी अधिकारियों के चक्कर में ग्रामीणों को इसका दंश अभी और झेलना पड़ेगा। देखना है कि शौचालय कब प्रभावी होगा। या शासन का स्वच्छता अभियान फिसड्डी साबित होगा।
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