अंतधार्मिक सेमिनार में पैगंबर मोहम्मद साहब की बेटी हज़रत फातिमा पर माननीय वक्ताओ ने विशेष चर्चा की
इस सेमिनार में डॉ0 मौलाना मेंहदी मुसाबी कुम्मी ईरानी रहे मुख्य आकर्षण का केंद्र
रुपईडीहा बहराइच। नेपाल के जिला बांके के नेपालगंज में पहली बार इस्लामिक सेंटर ऑफ द वर्ल्ड फेडरेशन नेपाल की ओर से हजरत- ए फातमा और महिलाओं के अधिकारों को लेकर एक अंतरराष्ट्रीय अंतधार्मिक व आपसी सौहार्द सेमिनार का आयोजन नेपालगंज न्यू रोड स्थित रॉयल पैलेस होटल में किया गया।
इस कार्यक्रम की अध्यक्षता पत्रकार मानवाधिकार कर्मी व लेखिका तथा मुस्लिम महिला संघ नेपालगंज की अध्यक्ष सय्यदा शाह वाहिदी व मंच का सफल संचालन अरशद राही बहराइची ने किया तथा कार्यक्रम के मुख्य अतिथि ईरान से आये डॉ मौलाना मेंहदी मुसवी कुम्मी रहे।
इस कार्यक्रम उन्होंने ईरानी भाषा मे अपने वक्तब्य को रखा जिसे काठमांडू से आये जामा मस्जिद के पेश इमाम व डॉ0 मौलाना जैनुलाब्दीन ने अनुवाद करके उपस्थित श्रोताओ को बताया।हाफिज व कारी सगीर अहमद ने क़ुरआने करीम की तिलावत से कार्यक्रम का आगाज़ किया।
साथ ही एक 5 वर्ष के बच्चे अली ने नेपाल का राष्ट्रीय गान गाकर सबको चकित कर दिया।इस कार्यक्रम में भारत, नेपाल, ईरान व अफगानिस्तान से आये हुए पांच धर्मो के विद्वान मौजूद थे। इन्होंने महिलाओं के अधिकार व कर्तब्यों के बारे में अपने विचार ब्यक्त किये।
इस अवसर पर हिन्दू धर्मगुरु योगी चंद्रनाथ मुख्य पुजारी बागेश्वरी मंदिर ,बौद्ध धर्म गुरु गुल बहादुर लामा, ईसाई धर्म गुरु डंम्मर थापा,मुस्लिम धर्म गुरु अहमद जब्बार मंजरी,सिख धर्म गुरु ग्रंथी सोहन सिंह साहेब ने सर्वधर्म समभाव को लेकर अपने अपने विचार ब्यक्त किये।
लखनऊ से आये हुए इस्लामी विद्वान मौलाना डॉ मिर्जा यासूब अब्बास ने इस्लाम के आखिरी पैगम्बर हज़रत मोहम्मद साहब की प्रिय बेटी हज़रत बीबी फातिमा की जीवनी व इंसानियत के लिए उनके द्वारा किये गए कार्ययो का विस्तार से वर्णन किया।ईरान से आये हुए मुख्य अतिथि डॉ0 मेंहदी मुसवी कुम्मी ने ईरानी भाषा मे बोलते हुए कहा कि इस्लाम मे महिलाओं को बहुत सम्मान दिया गया है। महिलाओं को पुरुषों से अधिक अधिकार दिए गए है।
वक्ताओं ने प्रमुखरूप से कहा कि हज़रत बीबी फातिमा की जीवनी इस्लाम मे महिलाओं के हक़ की बेमिसाल उदाहरण है। जिससे दुनिया को शिक्षा ग्रहण करनी चाहिए। उनका पूरा जीवन इंसानियत को बचाये रखने का अप्रतिम उदाहरण है।इस कार्यक्रम को नेपाल के पूर्व सांसद हाजी अब्दुल हमीद सिद्दीकी, फैज कोसरी महमूदाबादी, अशरफ व सूजा उतरैलवी, कासिम व हैदर गोंडवी,शबीह मेरठी सहित विभिन्न धर्मों के दर्जनों वक्ताओं ने संबोधित किया। इस अवसर पर सैकड़ो महिलाये व पुरुषों ने इस कार्यक्रम में सहभागिता की।
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