उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुश्कर सिंह धामी सरकार से रविवार को हरक सिंह रावत को हटा दिया गया. साथ ही रावत को अनुशासनहीनता के आरोप में छह साल के लिए बीजेपी से निष्कासित भी कर दिया गया है . आरोप है कि रावत विधानसभा चुनाव में अपनी पत्नी सहित अपने परिवार के तीन सदस्यों के लिए टिकट मांग रहे थे.
पिछले महीने हरक सिंह रावत ने कैबिनेट की बैठक छोड़ दी थी और अपने इस्तीफे की घोषणा की थी. उन्होंने अपने विधानसभा क्षेत्र कोटद्वार में एक मेडिकल कॉलेज के लिए बजट की मांग करते हुए इस्तीफा देने की धमकी दी थी और कहा था कि मेडिकल कॉलेज के लिए स्वीकृत पांच करोड़ रुपये पर्याप्त नहीं थे.
बीजेपी के बर्खास्त मंत्री हरक सिंह रावत के कांग्रेस में शामिल होने के मुद्दे पर पार्टी नेताओं ने अबतक चुप्पी साध रखी थी. अब कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत का बड़ा बयान सामने आया है. हरीश रावत ने कहा है कि अगर हरक सिंह रावत अपनी कांग्रेस छोड़ने की गलती मान लेते हैं तो हम पार्टी में उनका स्वागत करने के लिए तैयार हैं. बीजेपी से निष्कासित हरक सिंह अभी तक कांग्रेस पार्टी में शामिल नहीं हुए हैं.
आपको बता दें कि हरक सिंह रावत 2017 में कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में शामिल हो गए थे. उनका कहना है कि उस समय परिस्थितियां अलग थीं और वह पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत को अपना बड़ा भाई मानते हैं. लेकिन यह पूर्व सीएम हैं, जिन्होंने पिछले कई महीनों से पार्टी में उनका प्रवेश रोक दिया था. हारीश रावत हरक सिंह के नेतृत्व वाले झुंड के विद्रोह को नहीं भूले हैं.
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