हजरत सैयद सालार मसूद गाजी रहमतुल्लाह अलेह जन सामान्य में बाले मियां के नाम से जाने जाते है। बहराइच उत्तर प्रदेश में हर साल जेठ के महीने में मेला लगता है जहां पर आस पास के छेत्रो के अलावा दूर दराज से भरी संख्या में अकीदतमंद आते है।
एक माह तक चलने वाले इस मेले में मुख्य दिन अकीदतमंदों द्वारा पलंग, पीढ़ी, कर्नूरा आदि चढ़ा कर मन्नते मांगी जाती है। इस मेले को पूर्वांचल की गंगा जमुनी तहजीब की मिसाल माना जाता है हर साल लग्न की रस्म पलंग पीढ़ी के रूप में मनाई जाती है।
मुस्लिमो से ज्यादा हिंदुओ को इस दरगाह में आस्था है की जो आता है वो ठीक हो कर जाता है सेहतयाब होता है जिसमे खास इतवार 22 मई 2022 ई० मुताबिक 20 शव्वाल 1443 हि०, 8 जेठ 1429 फसली – के बाद चौथियात पहला – इतवार 29 मई 2022 , जेठ दूसरा इतवार 05 जून 2022 , जेठ तीसरा इतवार 12 जून 2022, जेठ चौथा इतवार 19 जून 2022, असाढ़ जो जुमेरात 19 मई 2022 मुताबिक 17 शववाल 1443 हि० से 05 जेठ 1429 फसली से रविवार ( इतवार) 19 जून 2022 मुताबिक 19 जून कायदा 1443 हि० 05 असाढ़ 1429 फसली तक होगा।
साइड सालार मसूद गाजी रहमतुल्लाह अलेह उर्फ बाले मियां दीन ए इस्लाम को चौथे खलीफा हजरत अली (राजियाल्लाहू) अन्हु की बारवीह पुश्त से है। गाजी मियां के वालिद का नाम गाजी सैयद साह सालार था । आप सुलतान महमूद गजनवी की फौज में कमांडर थे। सुलतान ने साह सालार के फौजी कारनामों को देख कर अपनी बहन सितर रे मोझल्ला का निकाह आपसे कर दिया जिस वक्त सैयद साह सालार अजमेर में एक किले को घेरे हुए थे उसी वक्त गाजी मियां 15 फरवरी 1015 ई० को पैदा हुए। चार साल चार महीने की उम्र में आपके बिस्मिल्लाह ख्वानी हुई। नौ साल की उम्र में फिकाह वह तसव्वुफ की शिक्षा हासिल की। आप बहुत बड़े अलीम थे आपकी शहादत असर वा मगरिब के बीच इस्लामी तारीख 14 राजब 423 हि० में बहुत कम उम्र में हुई ।
आप हमेशा इंसानों को एक नजर से देखते थे सभी से भलाई करते थे। दुनिया से जाने के बाद भी आपका फैज जारी है।
आपका मजार शरीफ बहराइच शरीफ में है। उनकी मजार वक्फ- 19- वक्फ विभाग में दर्ज है सैयद सालार मसूद गाजी रहमतुल्लाह अलेह के नाम से दरगाह शरीफ बहराइच जाना जाता है। इनके फैज से तमाम लोग सेहत्याब होते है। भारत के सभी राज्यों से भरी तादाद में जायरीन मेले में शिरकत करते है। इस बार कोविड 19 के नियमो का सभी जायरीन को खयाल करना चाहिए। सरकार द्वारा चिकित्सा , सफाई , यातायात तमाम बसे लगाई जाती है ताकि जायरीन को आने में सुविधा होती है।
दरगाह इंतजामिया कमिटी के सदर सैय्यद शमशाद अहमद एडवोकेट, सदर ने बताया है जायरीन के रहने के इंतजामात किए गए है। गेस्ट हाउस दरगाह , बिजली, सफाई , पानी, स्वास्थ, कोविड 19 आदि की तैयारी मुकम्मल करली गई है। लोगो में बड़ा उत्साह वा लगन देखने को मिल रहा है। कोविड 19 के 2 साल बाद मेला होने जा रहा है प्रशासन का पूरा सहयोग मिल रहा है।
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