आगा खान फाउंडेशन एवं बर्नार्ड वैन लीर फाउंडेशन के संयुक्त प्रयास से संचालित पैरेंट कोचिंग इन 1000 डेज कार्यक्रम के अंतर्गत शिशु की उत्तरदायी देखभाल और शिशु विकास के पड़ाव विषयक आशा बहनोँ का प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र रमपुरवा में आयोजित किया गया I प्रशिक्षण कार्यक्रम का शुभारंभ करते हुए डा० अभिषेक अग्निहोत्री ने कहा कि हर एक बच्चे को जीवन में अच्छी शुरुआत मिले जिससे कि वह स्वस्थ, रचनात्मक और शांतिप्रिय समुदाय के निर्माण में अपनी भूमिका निभा सके उन्होंने यह भी बताया की शुरुआत के दो वर्षों में ही बच्चों के दिमाग का लगभग 80 फ़ीसदी विकास हो चुका होता है इसलिए यह बहुत महत्वपूर्ण है कि इस उम्र में बच्चे के स्वास्थ्य, पोषण और उत्तरदायी देखभाल पर विशेष बल दिया जाए जिससे शिशु का समुचित विकास हो सके जिससे उसके बेहतर भविष्य के निर्माण का मार्ग प्रशस्त हो सके I उन्होंने इस बात पर भी बल दिया कि शुरुआती 1000 दिन मां और बच्चे दोनों के लिए बहुत महत्वपूर्ण है इन महत्वपूर्ण दिनों में समुचित देखभाल कर मातृ और शिशु मृत्यु दर दोनों को कम किया जा सकता है उन्होंने इस बात पर भी बल दिया की जमीनी स्तर पर इस कार्यक्रम को सफल बनाने में आशाओं की बड़ी महती भूमिका है इसलिए आवश्यक है की इसके लिए आशाओं को नियमित और प्रभावी प्रशिक्षण दिया जाए और जानकारी को प्रभावी तरीके से समुदाय तक पहुंचाया जा सके I
शुरुआती उम्र में बच्चे को जैसा वातावरण और अनुभव मिलते है वैसा ही उसके भविष्य का निर्माण होता है I यदि बच्चे को प्यार दुलार और अपनों का साथ मिला है तो वह सुरक्षा का अनुभव करेगा और समाज को भी उसी नजरिये से देखेगा परन्तु यदि उसने गुस्सा, झगड़ा और दुत्कार देखा है या महसूस किया है तो बड़ा होकर समाज को उसी नजरिये से देखेगा I यदि शुरुआती उम्र में बच्चे को बेहतर स्वास्थ्य और पोषण मिलेगा तो वह सवस्थ रहेगा लंबी उम्र जिएगा एक अच्छा भाई, एक अच्छा बेटा, एक अच्छा सहकर्मी और एक अच्छा नागरिक बनेगा I आशाओं को प्रशिक्षण के दौरान बताया गया की उत्तरदायी देखभाल का अर्थ बच्चे की गतिविधियों, आवाज, इशारो, हाव भाव और वह जो बोलने का प्रयास कर रहा है उसे ध्यान से देख और सुन कर बच्ची की देखभाल करना है I
इस दौरान अधीक्षक डा० अभिषेक अग्निहोत्री , BCPM रोहित वर्मा, BPM अनुराधा कुशवाहा तथा आगा खान फाउंडेशन के प्रतिनिधि नीरज शुक्ला एवं प्रदीप मिश्रा उपस्थित रहे।
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