बस पैसा फेंको और धरती का सीना चीरने का मिलता है लाइसेंस
रुपईडीहा बहराइच। भारत नेपाल सीमावर्ती थाना रुपईडीहा क्षेत्र में इन दिनों खनन विभाग के अधिकारियों की मिली भगत से जिधर देखो उधर ही जेसीबी मशीन लगाकर धरती का सीना चीरकर अवैध रूप से मिट्टी का खनन किया जा रहा है और संबंधित विभाग के अधिकारी चुप्पी साधे बैठे है। अधिकारियों से इस अवैध मिट्टी खनन से कोई लेना देना नहीं है। रुपईडीहा थाना क्षेत्र के विभिन्न ग्राम पंचायतों में लगभग दर्जनों स्थानों पर अवैध मिट्टी का खनन माफियाओं द्वारा किया जा रहा है। इस कार्य में सैकड़ों ट्रैक्टर ट्रालियों मिट्टी ढोने का कार्य में लगी हुई है। जिस रोड पर देखो ट्रैक्टर ट्रालियां बेधड़क दौड़ रही है। ट्रालियों पर अधिक ओवर लोडिंग के कारण मिट्टी सड़कों पर गिर रही है। जिससे इस भीषण गर्मी में सड़कों पर बुरी तरह धूल उड़ रही है। जिस कारण से लोगो को सड़कों पर चलना दुश्वार हो गया है। सूत्र बताते हैं कि ब्लॉक नवाबगंज क्षेत्र के विभिन्न ग्राम पंचायतों में जेसीबी मशीन लगाकर तलाब से मिट्टी की खुदाई की जा रही है। जिससे ग्रामीण क्षेत्रों के मनरेगा मजदूरों का हक मारा जा रहा है। योगी सरकार का फरमान का कोई असर भी इन अधिकारियों पर नहीं दिखाई पड़ रहा है। जिला प्रशासन अवैध मिट्टी खनन रोकने में पूरी तरह विफल दिखाई पड़ रहा है। इस अवैध मिट्टी खनन संबंधित ग्राम पंचायतों के दबंग प्रधान व उनके प्रतिनिधयों की मिलीभगत से “एक पंथ दो काज” साबित हो रहा है। जहाँ सरकार का लाखों रुपये राजस्व की हानि हो रही है वहीं इस दोहरे व्यवसाय से जुड़े सफेद पोश मालामाल हो रहे हैं। वहीं मनरेगा मजदूरों की भूंखो मरने की नौबत आ गई हैं।
सीमावर्ती ब्लाक नवाबगंज के विभिन्न गावों में जलाशय संरक्षित योजना अंतर्गत तालाबों का जीर्णोद्धार व सुंदरीकरण मनरेगा योजना के तहत होना है। जो इन सफेद पोश माफियों को करोड़पति बनने का वरदान साबित हो रहा है। इस संबंध में क्षेत्र पंचायत सदस्य अमरेन्द्र कुमार वर्मा ने उपजिलाधिकारी नानपारा को दिए गए प्रार्थना पत्र में आरोप लगाया है। कि ग्राम पंचायत निधिनगर संकल्पा में 3.562 हेक्टेयर गाटा संख्या 443ग में तालाब की खुदाई मनरेगा योजना के तहत होनी थी। परन्तु ठेकेदारी प्रथा से काम करा रहे दबंगों द्वारा जेसीबी मशीन लगाकर तलाब की खुदाई करवा दिया। गांव के गरीब मजदूरों को काम नहीं दिया गया। कुछ दिन पूर्व ग्राम पंचायत भगवानपुर करिंगा के ग्रामीणों ने सम्बंधित अधिकारियों से शिकायत किया था। कि मेरे ग्राम पंचायत में जेसीबी मशीन लगाकर मिट्टी खनन कर तलाब का सुन्दरीकरण किया जा रहा है। जिसे अब श्रमदान घोषित कर दिया गया है। इसी प्रकार ग्राम पंचायत रंजीतबोझा में भी कुछ दिन पहले गांव के पश्चिम जेसीबी मशीन लगाकर रात में ही तलाब खुदवा दिया गया। परन्तु गांव के मनरेगा मजदूरों को काम नहीं दिया गया। ब्लॉक के कई ग्राम पंचायतों में जेसीबी मशीनों से तलाब खुदवाये गये है। इस संबंध में जब संबंधित ग्राम पंचायत के ग्रामीणों द्वारा नवाबगंज ब्लॉक के अधिकारियों से शिकायत करते हैं तो अधिकारी कहते हैं। कि अगर इस प्रकार से कोई कार्य हुआ है तो इसकी जांच कराई जाएगी। परन्तु अधिकारियों की खाऊं कमाऊ नीति के कारण आज तक कोई अधिकारी जांच करने नहीं पहुंचा। रुपईडीहा थाना क्षेत्रों में दर्जनों से अधिक ट्रैक्टर ट्रालियां इस अवैध मिट्टी खनन के कार्य में लगी हुई हैं। जो दिन रात मिट्टी खोदाई कर रुपईडीहा, बाबागंज, चरदा, आदि स्थानों पर पहुंचा रहे हैं। हथियाबोझी, पटना कलोनी के आसपास व जंगल से सटे क्षेत्रों में यह अवैध मिट्टी खनन का कार्य काफी समय से चल रहा है। अभी तक लाखों मीट्रिक टन अवैध मिट्टी खोदकर निकाली जा चुकी है। बड़े पैमाने पर हो रहा यह अवैध मिट्टी खनन में संबंधित अधिकारियों व पुलिस के लिए अवैध वसूली का जरिया बना हुआ है। बड़े पैमाने पर हो रहे इस अवैध मिट्टी खनन के संबंध में जब खनन अधिकारी शैलेन्द्र मौर्य से जानने की कोशिश की गई तो उन्होंने मोबाइल रिसीव नहीं किया। ग्राम पंचायतों में अवैध रूप से जेसीबी मशीन लगाकर तलाबो की खुदाई की जा रही है और गांव के मनरेगा मजदूर भूखो मर रहे हैं। इस संबंध में जब डी.सी. मनरेगा बहराइच के.डी. गोस्वामी से बात की गयी तो उन्होंने कोई सही तरीके से उत्तर नहीं दिया। बस इतना कहा कि हमको इस संबंध में जानकारी नहीं है।
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