बहराइच 22 जून। जिला कृषि रक्षा अधिकारी आर.डी. वर्मा ने बताया कि वर्तमान समय में मौसम के तापमान में उतार चढाव के कारण गन्ने की फसल में रेड रॉट रोग (लाल सडन रोग) फैलने की आशंका है। गन्ने में यह रोग अगस्त से अक्टूबर माह में सर्वाधिक लगता है। गन्ने की फसल में लगने वाला यह जलजनित रोग है अर्थात इस रोग का सर्वाधित प्रकोप जल जमाव वाले क्षेत्रो में होता है, जल निकासी का ठीक प्रबंध न होने के कारण यह रोग पूरी फसल में लग जाता है। इस रोग के लगने की दशा में गन्ने की पत्तियॉ पीली हो जाती है एवं उन पर लाल रंग के धब्बे पड जाते है। गन्ने के तने में लाल रंग के साथ सफेद रंग के धब्बे दिखने लगते है। यह रोग लगने की दशा में गन्ने की मिठास और उत्पादन पर बहुत असर पडता है। इस रोग से बचाव हेतु बीज बोने से पूर्व बीजशोधन अवश्य करना चाहिए। खेत में जल निकासी का अच्छा प्रबंध करना चाहिए। इस रोग के रासायनिक उपचार हेतु थायोफिनेट मिथाइल 70 प्रति0 डब्लू.पी. 3 ग्राम/लीटर पानी में मिलाकर छिडकाव करें।
जिला कृषि रक्षा अधिकारी आर.डी. वर्मा ने किसानों को सुझाव दिया है कि किसी भी समस्या/सुझाव हेतु अथवा कीट/रोग के लगने की दशा में रोगग्रस्त फसल/पौधे के फोटो के साथ विभागीय पी.सी.एस.आर.एस. नम्बर 9452247111 एवं 9452257111 पर व्हाटसएप अथवा टेक्सट मैसेज के माध्यम से शिकायत कर सकते है। किसान को यह भी सुझाव दिया गया है कि समस्या लिखते समय अपना पूरा नाम व पूरा पता (ग्राम, विकास खण्ड एवं तहसील आदि का नाम) अवश्य अंकित करें। समस्या का समाधान 48 घण्टे के भीतर कर दिया जाएगा।
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