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Sunday, February 16, 2025 5:30:18 PM

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जिसका आत्मबल मनोबल मजबूत हो है वही कर सकता है तपस्या – साध्वी मंजूयशा

जिसका आत्मबल मनोबल मजबूत हो है वही कर सकता है तपस्या – साध्वी मंजूयशा
_____________ से स्वतंत्र पत्रकार _____________ की रिपोर्ट

रिपोर्ट – पप्पू लाल कीर

कांकरोली | प्रज्ञा विहार तेरापंथ भवन युग प्रधान आचार्य श्री महाश्रमण की सुशिष्या साध्वी श्री मंजुयशा के पावन सान्निध्य में तेरापंथ सभा कांकरोली ओर से पुष्पादेवी बापना पत्नी हस्तीमल बापना की धर्मपत्नि के आठ दिन की तपस्या यानि अठाई तप के उपलक्ष्य में तप अभिनंदन रखा गया। बहन पुष्पा देवी ने पूर्व में भी मासखमण, 21दिन काफ़ी 8,9 की तपस्या की हुई है। साध्वी मंजूयशा ने नमस्कार महामंत्र के मंगल उच्चारण से प्रवचन का प्रारंभ किया। आज का विषय था- “बंधन टूटे वंदन से’ आगम के आधार बहुत सुन्दर तरीके अपने उद्‌बोधन में कहा- भगवान महावीर से गौतम स्वामी प्रश्न किया कि भवे वंदना से जीव क्या प्राप्त करता है। भगवान ने कहा- दो प्रकार से वंदना की जाती है । द्रव्य वदना एवं ‘भाव वेदना । त्यागी संतो को भाव पूर्वक पवित्र मन से वंदन करने से उच्च गोत्र का बंधन होता है और नीच गोत्र का क्षय होता है। वंदना या अभिवदना वही कर सकता जिसके भी श्रद्धा भक्ति के भाव एवं विनम्रता होती हैं। विनयवान व्यक्त्तिही बड़ों को, गुरु को, साधु-संतो को अभिवादन कर सकता है। उन्होंने आगे कहा शुद्ध एवं पवित्र मन से आदर करने, सेवा करने, विनय करने से व्यक्ति

का जीवन में दीर्घ आयु, विद्या यश और बाल की प्राप्ति होती इस लिए हर व्यक्ति को परिवार में समाज में, संघ में, समूह मे आदि सभी छोटा हो या बड़ा सबके प्रति विनयः वात्सल्य का भाव आदर का भाव अथवा पवित्र भावना से त्यागी संतो को वंदना करने से उनके पवित्र आभामण्डल में बैठने से, उनकी वाणी को सुनने से जीवन में हमें कई अच्छी गुणात्मक उपलब्धियाँ होती है। इस अवसर पर तपस्वी बहिन पुष्पादेवी बापना के अठाई तप की अनुमोदना करते

हुए कहा- मोक्ष के चार मार्ग बताए है – ज्ञान दर्शन चरित्र और तप । ज्ञान दर्शन चारित्र की आराधना करना साधक के लिए सहज है – किन्तु तपस्या करना हर व्यक्ति के लिए वश की बात नहीं होती है। जिस व्यक्ति का मनोबल, आत्मबल, संकल्पबल मजबूत होता है वही व्यक्ति इस तप के क्षेत्र में आगे बढ़ सकता हूँ। तपस्या से अनेक प्रकार के रोग भी मिट जाते हैं। तप से व्यक्ति अपने कर्मों को दूर कर आत्मा की उज्ज्वलता को प्राप्त करता है। इस प्रकार साध्वी श्री जी ने तप की महता बताते हुए एक मधुर गीत के द्वारा तपस्वी बहन को और आगे बढ़ने की प्रेरणा दी। इस अवसर पर कांकरोली तेरापंथ सभा के अध्यक्ष प्रकाश सोनी ने तपस्वी बहन के प्रति मंगल कामना करते हुए उनका अभिनन्दन पत्र और उपरना द्वारा अभिन्दन किया गया साध्वी इंदुप्रभा ने अपने विचार व्यक्त किए।

मंगल पाठ से कार्यक्रम सानन्द सम्पन्न हुआ। इस कार्यक्रम में सभा के अध्यक्ष, प्रकाश सोनी, मंत्री विनोद चोरड़िया , हिम्मत कोठारी शांतिलाल चोरड़िया पारसमल पितलिया महेन्द्र कोठारी, महिला मण्डल अध्यक्ष इंद्रा पगारिया, पूर्व अध्यक्ष मंजू दक, युवक परिषद मंत्री दिव्यांश , गणेश जी कच्छारा, आदि कई गणमान्य भाई बहन उपस्थित थे । भाई-बहिनों की उपस्थिति सराहनीय रही।

 

 

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