मुख्य सचिव ने अपनी वीडियों कांफ्रेंसिंग में डीएम को प्रदान किया प्रस्तुतीकरण का अवसर
विशेष अभियान के दौरान जिले में हुआ है 31513 निर्विवादित वरासतों का अंकन
बहराइच 28 जुलाई। मा. मुख्यमंत्री उत्तर प्रदेश श्री योगी आदित्यनाथ जी, मुख्य सचिव, उत्तर प्रदेश शासन, अध्यक्ष, राजस्व परिषद, उत्तर प्रदेश तथा प्रमुख सचिव, राजस्व उ.प्र. के निर्देश तथा जिलाधिकारी डॉ. दिनेश चन्द्र के मार्गदर्शन एवं कुशल नेतृत्व में जनपद में 05 जुलाई 2021 से 27 जुलाई 2022 तक मात्र 13 माह 22 दिवस की अल्पअवधि में ही संचालित किये गये निर्विवादित वरासत अभियान के दौरान आनलाइन प्राप्त हुए 35394 आवेदन-पत्रों में 31513 आवेदन पत्रों को अविवादित पाते हुए मृतक कृषकों के उत्तराधिकारियों का नाम खतौनी आदेश में दर्ज किया गया है। जबकि पूर्व में 29 अक्टूबर 2018 से 04 जुलाई 2021 के बीच लगभग 32 माह की अवधि में मात्र 15698 लानलाइन आवेदन पत्र प्राप्त हुए। जिसमें 12379 आवेदन पत्रों को अविवादित पाते हुए मृतक कृषकों के उत्तराधिकारियों का नाम खतौनी आदेश में दर्ज किया गया है।
मुख्य सचिव, उत्तर प्रदेश, शासन की अध्यक्षता में वीडियो कान्फ्रेन्सिग के माध्यम से समस्त मण्डलायुक्त एवं जिलाधिकारियांे की समीक्षा बैठक में जनपद में सफलतापूर्वक संचालित किये गये निर्विवादित वरासत अभियान के दृष्टिगत जिलाधिकारी डॉ. दिनेश चन्द्र को ’’निर्विवाद वरासत के विशेष अभियान’’ विषय पर प्रस्तुतीकरण का अवसर प्रदान किया गया। प्रस्तुतीकरण की समाप्ति पर मुख्य सचिव द्वारा जमीनी स्तर पर वरासत हेतु किये गये कार्यो की प्रशंसा करते हुए, न केवल जिलाधिकारी बहराइच द्वारा किये गये इस महत्वपूर्ण कार्य की महत्ता को स्वीकार किया बल्कि प्रदेश के अन्य जिलाधिकारियों को डीएम बहराइच से प्रेरणा लेते हुए शासन द्वारा जनपदों में चलाये जा रहे वरासत अभियान को सफल बनाने हेतु निर्देशित भी किया गया।
प्रस्तुतीकरण के दौरान डीएम द्वारा अवगत कराया गया कि मा. मुख्यमंत्री जी की प्रेरणा एवं मुख्य सचिव, अध्यक्ष राजस्व परिषद तथा प्रमुख सचिव, राजस्व, उ.प्र. के निरन्तर पर्यवेक्षण के क्रम में उनके द्वारा 05 जुलाई, 2021 से जनपदवासियों के हितार्थ एवं विभिन्न योजनाओं के उपयोगार्थ राजस्व संहिता की धारा 33(1) के अन्तर्गत निर्विवादित वरासत अभियान को प्राथमिकता पर लेते हुए न केवल प्रतिदिन की वरासत रिपोर्ट का पर्यवेक्षण किया गया। साथ ही साथ मुख्य राजस्व अधिकारी, उपजिलाधिकारियो एवं तहसीलदारों तथा तहसील स्तरीय अधिकारियों के साथ बैठक कर प्रभावी कार्ययोजना तैयार कर समय-समय पर दिशा निर्देश निर्गत किये जाते रहे।
डीएम ने बताया कि जिला एवं तहसील अधिकारियों से इतर ग्राम स्तर पर कार्यरत क्षेत्रीय लेखपालो एवं राजस्व निरीक्षको को निर्देशित किया गया कि ग्रामों में सर्वजानिक स्थानों पर चौपाल लगाकर खतौनी पढी जाये तथा मृतक खातेदारों को चिन्हित कर आवश्यक प्रपत्रों को प्राप्त करते हुए स्वयं आनलाइन आवेदन कर जायज उत्तराधिकारियों के नाम खतौनी में दर्ज कराकर ग्राम, ब्लांक एव तहसील स्तर पर खतौनियों का निःशुल्क वितरण कराया गया।
डीएम ने बताया कि अभियान के दौरान न सिर्फ निर्विवादित वरासतों का अंकन कराया गया बल्कि शासन द्वारा चलायी जा रही महत्वपूर्ण योजनाओ जैसे किसान-सम्मान निधि, मुख्यमंत्री कृषक दुर्घटना कल्याण योजना व किसान क्रेडिट कार्ड से भी जोड़ा गया। जिसका परिणाम यह रहा कि वर्ष 2021-2022 में किसान सम्मान-निधि योजनान्तर्गत कृषक लाभार्थियों की संख्या 3.75 लाख के सापेक्ष वर्तमान में बढ़कर 5.30 लाख हो गयी है। जिससे किसानों को रू. 93 करोड़ की सम्मान निधि प्राप्त होगी। इसके अलावा कृषक दुर्घटना कल्याण योजना के अन्तर्गत 330 पात्र लोगों की समयबद्ध वरासत दर्ज कराकर कुल रू. 13.24 करोड़ रूपये का भुगतान उनके वारिसान के बैंक खातो में किया जा चुका है।
डीएम डॉ. चन्द्र ने बताया कि यह आशातीत वृद्धि मृतक खातेदारों के उत्तराधिकारियों का नाम निर्विवाद वरासत के रूप में राजस्व अभिलेखों में दर्ज होने के कारण हुई है। यह इस अभियान की कृषकों के हित में सर्वाधिक महत्वपूर्ण एवं उल्लेखनीय उपलब्धि है। डीएम डॉ. चन्द्र ने यह भी बताया कि निर्विवादित वरासत अभियान का एक सुखद पहलू यह रहा कि नवीन कृषकों को किसान क्रेडिट कार्ड का लाभ दिलाये जाने के उद्देश्य से संचालित किये गये अभियान अन्तर्गत् विभिन्न बैंकों के माध्यम से 58690 नवीन किसानों को क्रेडिट कार्ड की सुविधा से लाभान्वित कराया गया है।
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