कृषि विज्ञान केन्द्र बनी प्रयोगशाला व पाठशाला
हाथों में तिरंगा थामे डीएम व कृषकों ने की बोआई
तेज़ी से हो रहे क्षेत्र विस्तार पर डीएम ने सीडीओ को दी शाबासी
हरा चारा प्रबन्धन के क्षेत्र में आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ते कदम
बहराइच 03 अगस्त। आकांक्षात्मक जनपद बहराइच को हरा चारा प्रबन्धन में आत्मनिर्भर बनाने के लिए निरन्तर प्रत्यत्नशील जिलाधिकारी डॉ. दिनेश चन्द्र ने जिले के प्रगतिशील किसानों के साथ कृषि विज्ञान केन्द्र, बहराइच में नेपियर घास की रोपाई की। कृषि विज्ञान केन्द्र में नेपियर घास की बोआई का मुख्य उद्देश्य यह है कि निकट भविष्य में जिले के किसानों को नेपियर घास के बीज़ों की आपूर्ति यहीं से की जायेगी तथा बीज आपूर्ति के लिए 01 एकड़ भू-भाग पर किसानों को विज़िट कराकर उन्हें घास की उपज के बारे में जानकारी प्रदान की जायेगी।
डीएम डॉ. दिनेश चन्द्र का विज़न है कि जिस प्रकार से देश के यशस्वी प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी व प्रदेश के मुखिया श्री योगी आदित्यनाथ जी के नेतृत्व में आज देश खाद्यान्न उत्पादन के साथ-साथ अन्य क्षेत्रों में आत्मनिर्भर हो गया है। ठीक उसी तरह कृषि प्रधान जनपद बहराइच में स्थापित सभी गौआश्रय स्थल तथा पशुपालक भी हरे चारे के लिए आत्मनिर्भर हो जायें ताकि हमारे पशुओं को पौष्टिक भोजन मिलने से उनके स्वास्थ्य में सुधार के साथ-साथ दुग्ध उत्पादन में भी वृद्धि हो सके। डीएम ने कहा कि सभी पशुपालकों के यहॉ हरा चारा सुलभ होने से एक ओर जहॉ दुग्ध उत्पादन में वृद्धि से उनकी आय में इज़ाफा होगा वहीं दूसरी ओर छुट्टा जानवरों की समस्या से भी छुटकारा मिलेगा।
डीएम ने बताया कि चालू वर्ष में 100 हेक्टेयर क्षेेत्र में नेपियर ग्रास के विस्तार का लक्ष्य है। जिसके लिए सीडीओ कविता मीना के नेतृत्व में विकास खण्ड बलहा, शिवपुर, चित्तौरा सहित अन्य ब्लाकों में हो रहे प्रयासों के लिए सीडीओ की मुक्तकंठ से सराहना की। डीएम ने कहा कि नेपियर घास की जानकारी के अभाव के कारण इतना पौष्टिक और उपयोगी चारे की ओर पशुपालकों का ध्यान नहीं गया। उन्होंने कहा कि उनका प्रयास होगा कि कृषि व एलायड विभागों तथा प्रगतिशील कृषकों के माध्यम से जनजागरूकता बढ़ायी जाय।
डीएम ने नेपियर घास की विशिष्टिता व पौष्टिकता का उल्लेख करते हुए बताया कि इसमें 12 से 14 प्रतिशत प्रोटीन पाया जाता है। इसकी मात्र एक बोआई से चार से पॉच वर्षों तक प्रत्येक वर्ष कमोबेश 04 से 05 बार हरा चारा प्राप्त किया जा सकता है। इसके लिए यह भी ज़रूरी नहीं कि बड़े भू-भाग पर ही इसकी बोआई की जाय। इसे छोटे से भू-भाग अथवा मेढ़ पर भी बो कर पशुओं के लिए हरा चारा प्राप्त किया जा सकता है। डीएम डॉ. चन्द्र ने मुख्य विकास अधिकारी कविता मीना व अन्य अधिकारियों तथा प्रगतिशील कृषकों के साथ घास की बोआई की तथा मौजूद किसानों को बीज के बण्डल का वितरण भी किया। नेपियर घास की बुआई की एक विशेषता यह भी रही कि सभी लोगों ने एक हाथ में तिरंगा थाम रखा था।
नेपियर घास की बोआई के दौरान आजादी का अमृत महोत्सव’’ अन्तर्गत आगामी 11 से 17 अगस्त, 2022 तक ‘‘स्वतन्त्रता सप्ताह’’ तथा ‘‘हर घर तिरंगा’’ कार्यक्रम में कृषकों की शत-प्रतिशत सहभागिता सुनिश्चित कराये जाने के उद्देश्य से डीएम के नेतृत्व में कृषि विज्ञान केन्द्र परिसर में तिरंगा यात्रा भी निकाली गई।इस अवसर पर उप निदेशक कृषि टी.पी. शाही, जिला कृषि अधिकारी सतीश कुमार पाण्डेय, जिला उद्यान अधिकारी पारसनाथ, कृषि विज्ञान केन्द्र के वैज्ञानिक डॉ. वी.पी. शाही, डॉ. वी.पी. सिंह, डॉ. ए.के. सिंह सहित अन्य सम्बन्धित, प्रतिशील कृषक शिव शंकर सिंह, बब्बन सिंह, रामफेर पाण्डेय, चन्द्रमणि मिश्रा, संत कुमार चौबे, लालता प्रसाद गुप्ता, बाबादीन, रिज़वान अली सहित अन्य कृषक मौजूद रहे।
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