बहराइच 25 सितम्बर। पशु क्रूरता को रोके जाने हेतु किसानों द्वारा प्रयोग किये जाने वाले ब्लेड वाले/कटीले तारों को शासन द्वारा पूर्णतया प्रतिबन्धित कर दिया गया है। ‘‘पशु क्रूरता अधिनियम 1960 के अध्याय-3 में साधारणतया पशुओं के प्रति क्रूरता (धारा-11) के अन्तर्गत पशुओं के प्रति क्रूरतापूर्ण वर्ताव करना, पशुओं को अनावश्यक पीडा या यातना पहुचाना, पशु का अंग विच्छेद करना या किसी अन्य अनावश्यक क्रूर ढंग से पशु को मार डालना या किसी पशु को सताने के लिए उददीप्त करना आदि दण्डनीय अपराध है’’। उत्तर प्रदेश गोवध निवारण अधिनियम 1955 यथा संशोधित अधिनियम 2020 की धारा 5 (ख) के अन्तर्गत किसी गाय या उसके गोवंश को शारीरिक क्षति पहुचाना गोवंश का अंग-भंग करना, उसके जीवन को संकटापन कराने वाली किसी परिस्थिति में लाना आदि दण्डनीय उपराध है।
जिलाधिकारी डॉ. दिनेश चन्द्र ने समस्त उप जिलाधिकारी, खण्ड विकास अधिकारी व पुलिस उपाधीक्षक/प्रभारी निरीक्षक/थानाध्यक्ष, अपर मुख्य अधिकारी जिला पंचायत, जिला पंचायत राज अधिकारी तथा समस्त अधिशाषी अधिकारी नगर पालिका/नगर पंचायत, को निर्देश दिया है कि उक्त अधिनियमों में निहित प्राविधानुसार एवं गोवंश सुरक्षा की दृष्टि से किसानों द्वारा प्रयोग किये जाने वाले ब्लेड तारों/कटीले तारों को प्रत्येक दशा में प्रविवर्तित करवाते हुए पशुओं को अनुकूल वाडों का प्रयोग सुनिश्चित किया जाए। सम्बन्धित अधिकारियों को सचेत किया गया है कि उपरोक्त आदेशों का उल्लघन करने वाले व्यक्तियों के विरूद्ध उदाहरणात्मक कार्यवाही भी की जाए।
डीएम डॉ. चन्द्र ने मुख्य पशु चिकित्साधिकारी को निर्देश दिया है कि बीमार एवं घायल गोवंशों के समुचित चिकित्सा हेतुु जनपद मुख्यालय पर एक पशु चिकित्सालय को 24 घण्टे क्रियाशील रखते हुए वहॉ पर रोटेशन के आधार पर पशु चिकित्सकों एवं अन्य स्टॉफ की तैनाती सुनिश्चित किया जाए।
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