रिपोर्ट : वसीम अहमद
रुपईडीहा बहराइच । ब्लॉक नवाबगंज क्षेत्र के अंतर्गत ग्राम पंचायत रामपुर हुसैन बख्श का मजरा नरैनापुर गांव के बाहर नो मैस लैंड व मजार के निकट बसा भारतीय नागरिक रामेश्वर चौहान की इकलौती झोपड़ी भारी बरसात के व पहाड़ी नालों के पानी के दबाव के कारण गिर कर क्षतिग्रस्त हो गया थी। अब रामाश्रय चौहान के अंधे पिता वह बूढ़ी मां व चार बच्चों को लेकर आसमान तले रात गुजारने के लिए मजबूर हैं। लेकिन सरकारी महकमा संबंधित ग्राम सभा सेक्रेट्री इस गरीब के आवास तक नहीं पहुंच पाया न तो किसी भी प्रकार की सरकारी सुविधा नहीं मिली है। इतना ही नहीं परिजनों के साथ साथ बेजुबान जानवर भी आसमान तले रहने के लिए मजबूर हैं। सरकार की घोषणा के बावजूद लेकिन सरकारी फरमान केवल कागजों तक ही रह गया है। लाभार्थियों को सरकारी सुविधाओं का लाभ नहीं मिल रहा है जबकि समाचार पत्रों सोशल मीडिया के माध्यम से खबर को प्राथमिकता से किसके साथ प्रकाशित भी किया गया। लेकिन सरकार के कान पर जूं तक नहीं रेंग रहा है। बताते चलें कि रामाश्रय चौहान का झोपड़ी अब्दुल अब्दुल्लागंज जंगल के समीप बनी हुई थी। जंगली जानवरों का हमेशा डर बना रहता है छोटे-छोटे बच्चों के साथ राहत भय के साथ गुजारना पड़ता है। इनको कब मिलेगा सरकारी सुविधाओं का लाभ एक पहेली बन कर रह गया है। इस संबंध में क्षेत्रीय लेखपाल मनीष वर्मा से जब बात की गई उन्होंने बताया कि अतिवृष्टि आपदा सहायता राशि के लिए फार्म भर दिया गया है शीघ्र ही उनको सरकारी सहायता अनुदान राशि मिल जाएगा । इसी क्रम में बताते चलें कि ग्राम निविया के गुड्डू पुत्र दरगाही, शामली ,अमानत अली का मिट्टी का मकान गिर गया लेकिन सरकारी अतिवृष्टि अनुदान के लिए राजस्व विभाग की टीम ने क्षेत्र का सर्वे नहीं किया । पीड़ितों से मुलाकात नहीं किया । इस संबंध में क्षेत्रीय बीडीसी सदस्य बाबू सिद्दीकी बताया संबंधित लेखपाल पीड़ितों के आवास का सर्वे नहीं किया और न तो अतिवृष्टि आपदा अनुदान के लिए कोई फार्म नहीं भरा? सरकारी कार्य केवल कागजों पर दौड़ रही है।
व्हाट्सएप पर शेयर करें
No Comments






