रिपोर्ट : वसीम अहमद
रुपईडीहा बहराइच। रुपईडीहा थाना क्षेत्र अंतर्गत कस्बा बाबागंज स्थिति एक भूंखण्ड पर पुलिस मिलीभगत से 21 अगस्त को कब्जेदारी को लेकर चर्चा में आये विवादित आराजी पर दिनाँक 24 अगस्त को मा. न्यायालय द्वारा वाद स. 187/2022 मो.अबरार बनाम मो. यूनुस आदि में स्थगन आदेश पारित किया था। स्थगन आदेश के प्रभावी होने के बाउजूद आज दिनांक 18 अक्टूबर को पुनः स्थानीय पुलिस की संलिप्तता से निर्माण कार्य चालू कर दिया गया। जिससे विपक्षीगणों द्वारा न्यायालय न्यायाधिकार क्षेत्र में जानबूझकर बाधा उत्पन्न किया जा रहा है। चूंकि उक्त विवादित न्यायालय विचाराधीन आराजी का माननीय न्यायालय में सर्वे कमीशन (चिन्हांकन) प्रार्थना पत्र सहित कई मुकदमे विचाराधीन है। पीड़ित का कहना है कि डायल 112 पर सूचना देने पर काम बंद करवा दिया गया कुछ देर बाद पुलिस चौकी प्रभारी बाबागंज राम केश के पहुँचने पर विपक्षीगणों के हौसले बुलंद हो गये चौकी प्रभारी विपक्षीगणों के हौसला अफजाई में धमकी देने लगे तथा न्यायालय में विचाराधीन मुकदमा ठेंगा दिखाते हुये अपना अलग फरमान जारी कर कहा कि लेखपाल बुला कर अपने स्टे की जमीन नपवा लो। वरना हाथ पैर तोड़ कर पूरे परिवार को जेल भेज दूंगा। अब सवाल यह उठता है कि जब विवादित आराजी का मामला न्यायालय में निस्तारित व सर्वे कमीशन (चिन्हांकन) होने का प्रार्थना पत्र विचाराधीन है तो ऐसी स्थिति में स्थानीय पुलिस का फरमान सर्वोपरि केवल यूपी की खाकी पुलिस न्याय व्यवस्था को चैलेंज कर सकती है। पीड़ित ने उच्चाधिकारियों से न्याय की गुहार लगायी है।
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