रिपोर्ट : रईस अहमद
रुपईडीहा बहराइच। स्थानीय थाना क्षेत्र के अंतर्गत सरवनतारा गांव में गत 2 नवम्बर को एक झोला छाप डॉक्टर ने एक दस वर्षीय बच्चे को ओवर डोज इंजेक्शन लगा दिया। जिससे उसकी 2 घंटे बाद मौत हो गयी। उल्लेखनीय है कि रुपईडीहा थाना क्षेत्र के गंगापुर देवरा निवासी महेश कुमार एडवोकेट के पुत्र मृतक प्रवीन कुमार को झोलाछाप डाक्टर राजू उर्फ श्रीकांत ने बिना जाँच के ओवर डोज इंजेक्शन दे दिया। जिसके चलते बच्चे की मौत हो गयी। जिसकी लिखित शिकायत मृतक के पिता की ओर से रुपईडीहा थाना में दिया गया। जिस पर पुलिस ने मुकदमा धारा 304A पंजीकृत करके लाश को पी0एम0 के लिए बहराइच भेज दिया,परन्तु थाना प्रभारी ने मुजरिम को 304A में उसे जेल न भेजकर धारा 151 में चालान कर दिया। जबकि 304A भी जमानतीय धारा थी फिर पुलिस ने ऐसा क्यो किया ? भारतीय दंड संहिता की धारा 304 A के आवश्यक तत्व जब भी कोई,लापरवाही से असावधानी से या उतावलेपन से ऐसा कोई भी कार्य करता है। जिससे किसी व्यक्ति की मृत्यु हो जाती है, लेकिन जो भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 299 में दिए गए प्रावधानों के अनुसार “आपराधिक मानव वध” के अंतर्गत नहीं आता है। तब यहाँ इस दशा में उस व्यक्ति पर जिसके द्वारा मृत्यु हुई है।भारतीय दंड संहिता की धारा 304A के अंतर्गत मुकदमा पंजीकृत किया जा सकता है। संज्ञेय अपराध होने के कारण इस धारा के अंतर्गत पुलिस को शिकायत मिलने पर तुरंत संज्ञान ले कर आरोपी को तुरंत गिरफ्तार कर सकती है और इस धारा के जमानती होने के कारण इस मामले में आरोपी जमानत के लिए न्यायालय में आवेदन भी कर सकता है। पुलिस के इस खेल में क्या मिला होगा,मृतक के पिता को इंसाफ न देकर एक और जख्म दे दिया। झोलाछाप डॉक्टर की इस प्रकार की लापरवाही से बालक की हुई मौत क्षेत्र में चर्चा का विषय बनी हुई है।
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