रिपोर्ट : वसीम अहमद
रुपईडीहा बहराइच। भारत नेपाल सीमावर्ती क्षेत्र में ग्रामीणों के सेवा के लिए एक मात्र प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र रुपईडीहा भवन अपनी बदहाली पर आंसू बहा रहा है। लगभग दो दशक पूर्व बना यह प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र का भवन इतना जर्जर हो चुका है कि किसी भी समय कोई बड़ा हादसा हो सकता है।
प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र रुपईडीहा के इस भवन में राजकीय होम्योपैथिक चिकित्सालय, राजकीय आयुर्वेदिक चिकित्सालय व ऐलोपैथिक चिकित्सालय अलग अलग कमरों में चल रहे हैं। आयुर्वेदिक के डाक्टर संजय कुमार त्रिपाठी व इनके अन्य सहयोगी तैनात हैं। इसी तरह एलोपैथिक के लिए डा0 धर्मेन्द्र गैतम, महिला डा0 रंजनी गुप्ता, फार्मासिस्ट चंद्र शेखर मिश्रा, वार्ड बॉय पवन कुमार मेहरोत्रा, स्टाफ नर्स संगीता रावत व नर्स शकुन्तला वर्मा की तैनाती है। इसी प्रकार होम्योपैथिक विभाग में डा0 जवाहर लाल गौतम व महिला डॉक्टर ज्योतिमा वर्मा तैनात हैं। यहां पर तैनात सभी चिकित्सक व उनके सहायक अपनी जान जोखिम में डालकर मरीजों को स्वास्थ्य सेवाएं मुहैया करा रहे हैं। बताया जाता है कि पिछले दिनों हुई लगातार बारिश में भवन अति जर्जर होने के चलते आए दिन प्लास्टर टूट कर गिरता रहता है। छत व दीवाले भी दरक चुकी है। जिसके कारण सभी कमरे बरसात होने पर टपकने लगते है और सभी कमरों में पानी भर जाता हैं। पिछले दिनों हुई लगातार बारिश से जनरल वार्ड नंबर दो, ओपीडी, ड्रेसिंग रूम व दवा वितरण कक्ष में पानी भर गया जिससे दवा वितरण कक्ष में रखी हजारों रुपयों की दवाइयां भी खराब हो गई। इसी भवन में संचालित जच्चा बच्चा केंद्र का भी बुरा हाल है। बरसात होने पर यहां तैनात चिकित्सक कमरों के बाहर आकर मरीजों को देखना बेहतर समझते हैं। क्यों कि यह भवन कभी भी धाराशाई हो सकता है।
ज्ञात हो कि यह अस्पताल जिस भवन में चल रहा है, वह हाईवे सड़क से काफी नीचा हो चुका है और नाली भी काफी उंचाई पर बनी हुई है। जिससे बरसात का पानी नाली में न जाकर सीधे अस्पताल परिसर में भर जाता है। जिससे अस्पताल तलाब का रुप धारण कर लेता है। जिससे कारण मरीज भी अस्पताल के अन्दर नहीं पहुंच पाते हैं और बाहर से ही नजारा देख कर वापस लौट जाते हैं। अस्पताल के मुख्य रास्ते पर लगा नाली का पत्थर भी टूटा हुआ है। तो बड़े खतरें को दावत दे रहा है।
इस स्वास्थ्य केंद्र पर निबिया,मनवारिया, सीतापुरवा,लहरपुरवा, सहजना,केवलपुर, जैतापुर,गांगापुर,गोकुलपुर, रंजीतबोझा,पचपकरी, निधिनगर पोखरा,साईगाव, सहाबा,शिवपुर मोहनिया सहित तमाम सीमावर्ती गांवो से सैकड़ों की संख्या में मरीज दवा लेने नित्य प्रतिदिन आते रहते हैं। इस संबंध में जब सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र चरदा के इंचार्ज डा0आर एन वर्मा से बात की गयी तो उन्होंने कहा कि प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र रुपईडीहा का भवन बहुत पुराना हो चुका है। इसके लिए संबंधित अधिकारियों को अवगत करा दिया गया है। फिलहाल जर्जर छत व पूरे भवन की जल्द ही मरम्मत कराई जाएगी।
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