बहराइच 13 मई। जनपद में हीट वेव (लू प्रकोप) से बचाव हेतु उपायों तथा जलवायु परिवर्तन के कारण हो रहे मौसमी बदलावों पर चर्चा के लिए विगत दिवस कलेक्ट्रेट सभागार में जिलाधिकारी डॉ. दिनेश चन्द्र की अध्यक्षता में आयोजित एक दिवसीय कार्यशाला सम्पन्न हुई। कार्यशाला को सम्बोधित करते हुए डीएम डॉ. चन्द्र ने सम्बन्धित जिला स्तरीय अधिकारियों को निर्देश दिया कि विभागीय कार्ययोजना/एस.ओ.पी. तैयार कर जिला आपदा प्रबन्धन प्राधिकरण को उपलब्ध कराना सुनिश्चित करें। डीएम ने बताया कि दैवीय आपदा की निगरानी, क्षति के आंकलन तथा बचाव व राहत कार्यों के सफल संचालन हेतु जिला स्तर पर अपर जिलाधिकारी तथा तहसील स्तर पर सम्बन्धित एसडीएम व ब्लाक स्तर पर बीडीओ को नोडल अधिकारी नामित किया गया है।
कार्यशाला के दौरान चिकित्सा विभाग को निर्देश दिया गया कि जिला चिकित्सालय में 01 वार्ड एवं सी.एच.सी. 04-04 बेड हीटवेव मरीेज़ों के लिए आरक्षित किये जाएं। कूल रूम की व्यवस्था, कोविड 19 के सुरक्षात्मक प्रोटोकाल का पालन, सन स्ट्रोक से बचाव के लिए एडवाईजरी, 108/102 व अन्य आपातकालीन सेवाएं सक्रिय करने, सभी अस्पतालों/पी.एच.सी/सी.एच.सी. में ओ.आर.एस. एवं तरल पदार्थ के पर्याप्त स्टॉक की व्यवस्था, आवश्यक दवाईयांे की उपलब्धता के साथ आकस्मिक सेवाओं को राउण्ड-द-क्लाक संचालित रखने के निर्देश दिये गये।
परिवहन विभाग को निर्देश दिया गया कि बस स्टैण्डों पर यात्रियों के लिए छाया एवं पेयजल की व्यवस्था, श्रम एवं ग्राम्य विकास विभाग को निर्देश दिया गया कि मनरेगा से सम्बन्धित कार्यस्थलों, फैक्ट्री एवं प्रतिष्ठानों में कार्यरत श्रमिकों के लिए पेयजल, नगर निकायों एवं पंचायती राज विभाग को शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में पूजा स्थलों, सार्वजनिक भवनों एवं माल, मण्डियों, हाट एवं बाज़ारों में प्याऊ की व्यवस्थ, बिजली विभाग को निर्देश दिया गया कि रोस्टर के अनुसार विद्युत आपूर्ति तथा विद्युत फाल्ट की समय से मरम्मत, टूटे तारों एवं खराब ट्रांसफार्मरों को समय से परिवर्तित करने के निर्देश दिये गये। कार्यशाला के दौरान डीआईओएस व बीएसए को निर्देश दिया गया कि शिक्षण संस्थाओं में छात्र-छात्राओं हेतु पेयजल एवं पंखे इत्यादि की व्यवस्था, हीटवेव से बचाव हेतु ेीवतजनतसण्ंजध्हिाूब् लिंक पर उपलब्ध फिल्म का प्रदर्शन सुनिश्चित कराएं साथ ही जनजागरूकता पोस्टर एवं बैनर का प्रदर्शन भी व्यापक स्तर पर कराया जाय।
अग्निशमन विभाग को निर्देश दिया गया कि ग्रीष्म ऋतु के दृष्टिगत जिला मुख्यालय एवं तहसीलों में स्थापित उप केन्द्रों को आवश्यक संसाधनों सहित राउण्ड-द-क्लाक क्रियाशील रखा जाए तथा अग्नि से बचाव हेतु नागरिकों को जागरूक भी किया जाए। अग्निकाण्ड की घटनाओं पर प्रभावी अंकुश के लिए चिकित्सालयों, स्कूलों और सरकारी विभागों का फायर ऑडिट करने, जनपद एवं तहसील व समस्त उपकेन्द्रों पर स्थापित अद्यतन संसाधनों की सूची तथा सम्बंधित जिम्मेदार अधिकारी/कर्मचारी का विवरण आपदा कार्यालय को उपलब्ध कराने के साथ-साथ ब्लॉक स्तर पर प्रत्येक ग्राम पंचायतों से लोगों को चयन कर उन्हें आग से बचाव हेतु प्रशिक्षित और जागरूक किया जाय। इसके अलावा समस्त उपकेन्द्रों पर स्थापित टोल फ्री नम्बर का व्यापक स्तर पर प्रचार-प्रसार कराया जाए।
कार्यशाला के दौरान पशुपालन विभाग को निर्देश दिया गया कि मवेशियों की सुरक्षा के लिए हीटवेव एक्शन प्लान तैयार कर उसे क्रियान्वित कराया जाए तथा गर्मी की स्थितियों के दौरान पशु प्रबंधन पर पशुस्वामियों के बीच जागरूकता लाने के लिए ग्राम स्तर पर क्षेत्रीय कर्मचारियों को सक्रिय कर दिया जाए। जिले के सार्वजनिक स्थानों पर लू से बचाव के लिए पशु प्रबंधन पर उपायों को पोस्टर के माध्यम से प्रदर्शित किया जाए। मवेशियों के लिए पीने के पानी की उचित व्यवस्था के साथ-साथ पशुओं को सुरक्षित रखने हेतु टीकाकरण का कार्य नियमित रूप से संचालित किया जाए। पशुपालन विभाग को यह भी निर्देश दिया गया कि पशु केन्द्रों पर आवश्यक दवाओं का भण्डारण सुनिश्चित कर पशु चिकित्सकों के माध्यम से ग्रामीणों को पशुओं की सुरक्षा एवं लू से बचाव हेतु जागरूक किया जाए।
कार्यशाला का संचालन एडीएम अनिरूद्ध प्रताप सिंह ने किया। इस अवसर सीएमओ डॉ. एस.के. सिंह, बाढ़ से सम्बन्धित तहसीलों के एसडीएम व पुलिस क्षेत्राधिकारी, पशुपालन, सिंचाई, स्वास्थ्य, पंचायती राज, सिंचाई व ड्रेनेज खण्ड, जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण सहित अन्य विभागों के अधिकारी मौजूद रहे।
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