बहराइच 03 जून। उत्तर प्रदेश के लाखों लोग ऐसे हैं जो ग्रामीण परिवेश से निकलकर रोज़ी-रोटी की तलाश में देश के विभिन्न शहरों व विदेशों में कार्य कर रहे हैं परन्तु उनकी इच्छा थी कि वे अपनी मातृभूमि से जुड़ कर अपने गांव के विकास में अपना योगदान देकर प्रदेश की विकास गाथा का हिस्सा बने। अपने गांव से दूर रहकर भी गांव के विकास में भागीदार बनने की इच्छा रखने वाले प्रदेशवासियों के लिए उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा संचालित ‘‘उत्तर प्रदेश मातृभूमि योजना’’ सुनहरा अवसर है।
उत्तर प्रदेश मातृभूमि योजना योजना के अन्तर्गत यदि कोई व्यक्ति या निजी संस्था अपने मातृभूमि के विकास के लिये किसी ग्राम पंचायत में विकास कार्य, अवस्थापना सुविधा का विकास अथवा पंचायत राज अधिनियम-1947 के अध्याय 4 की धारा 15 के अन्तर्गत अनुमन्य कार्यों को कराना चाहते हैं और कार्य की लागत का 60 प्रतिशत की धनराशि वहन करने का इच्छुक हैं तो शेष 40 प्रतिशत धनराशि की व्यवस्था राज्य सरकार द्वारा की जायेगी। योजना में सहयोग करने वाले व्यक्ति अथवा संस्था, परियोजना स्थल पर अपना या अपने किसी पूर्वज के नाम का शिलापट्ट भी लगवा सकते हैं।
मातृभूमि योजना में भागीदारी करने वाले व्यक्ति अथवा संस्था को 12ए, 80जी के तहत आयकर छूट मिलेगी तथा योजना को थ्ब्त्। के तहत (नोटिफिकेशन संख्या थ्ण्छवण्प्प्ध्21022ध्23;37द्धध्2019.थ्ब्त्।.प्प्प्) के अनुसार) छूट भी प्रदान की गयी है। योजना के अन्तर्गत सहयोग करने वाले व्यक्ति को अपने पसंद के कार्य अनुसार कार्यों के चयन की सुविधा भी उपलब्ध है। योजना में भागीदारी के लिए इच्छुक व्यक्ति एवं संस्थाएं पोर्टल एमबीभूमि डाट यूपीपीआरडी डाट इन पर लॉगिन कर सकते हैं।
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