उदयपुर 12 अगस्त 23* युगप्रधान आचार्य श्री महाश्रमण जी के शिष्य मुनि सिद्धप्रज्ञ द्वारा स्किल डेवलपमेंट थ्रू साइंस ऑफ लिविंग विषय पर बोलते हुए कहां शिक्षा हो और समाधान ना हो तो वहां शिक्षा अधूरी है शिक्षा से सर्वांगीण विकास होना चाहिए जीवन विज्ञान के द्वारा शारीरिक स्वास्थ्य मानसिक शांति भावनात्मक संतुलन एवं व्यक्तित्व का सर्वांगीण विकास होता है। इस अवसर पर मुनि सिद्धप्रज्ञ जी ने सुंदर लेखनी तनाव से मुक्ति स्मृति विकास एवं सर्वांगीण विकास के प्रयोग कराये। मुनि जी ने संकल्प शक्ति के प्रयोग अंग्रेजी,हिंदी,मराठी,गुजराती ओर रशियन भाषा मे कराए। प्रारंभ में सक्रिय कार्यकर्ता शोभग्यमल जी नाहर ने मुनि श्री का परिचय देते हुए कहा सिद्धप्रज्ञ जी ने 22 देशों के अंदर जीवन विज्ञान प्रेक्षा ध्यान व अणुव्रत का प्रचार प्रसार किया और उन्होंने प्रेक्षा ध्यान से पिछले 4 जन्मों का अनुभव किया तीन विषयों में जैन विश्व भारती से m.a. किया स्कूल के डायरेक्टर श्री राकेश कुमावत ने स्वागत में अपने अनुभव प्रकट किये।कार्यक्रम के अंत में नाहर जी ने प्राचार्य को अणुव्रत एवं जीवन विज्ञान का साहित्य भेंट किया कार्यक्रम से प्रभावित होकर करीब 300 बच्चों ने व्यसन ओर फैशन से दूर रहने का संकल्प किया यह कार्यक्रम शासन श्री मुनि श्री सुरेश कुमार जी हरनावा एवं उनके सहयोगी मुनि श्री संबोध कुमार जी “मेधांश” की प्रेरणा से हुआ । दिवांश नाहर व भेरूलाल का सहयोग रहा। प्रेषक सेवादार रोहित शर्मा
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