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Tuesday, March 18, 2025 12:39:02 PM

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बन्दियों के स्वास्थ्य जांच के लिए 05 दिवसीय शिविर का न्यायमूर्ति ने किया शुभारम्भ

बन्दियों के स्वास्थ्य जांच के लिए 05 दिवसीय शिविर का न्यायमूर्ति ने किया शुभारम्भ

एचआईवी, टीबी, हेपेटाइटिस व सेक्सुअल ट्रांसमिटेड डिजीज जैसी गम्भीर बीमारियों की होगी जांच

पांच दिवसीय स्वास्थ्य शिविर में 1448 बंदियों के स्वास्थ्य का होगा परीक्षण

 

बहराइच 09 दिसम्बर। जिला कारागार में निरूद्ध बन्दियों की जांच हेतु आयोजित होने वाले 05 दिवसीय स्वास्थ्य शिविर का शुक्रवार को मुख्य अतिथि मा. न्यायमूर्ति, उच्च न्यायालय इलाहाबाद/मा. प्रशासनिक न्यायमूर्ति बहराइच श्री राजीव सिंह ने फीता काटकर किया। इस अवसर पर जनपद न्यायाधीश उत्कर्ष चतुर्वेदी, प्रधान न्यायधीश परिवार न्यायालय शेष मणि, मुख्य न्यायिक दण्डाधिकारी शिवेन्द्र कुमार मिश्रा व अन्य न्यायिक अधिकारी, प्रभारी जिलाधिकारी/सीडीओ रम्या आर., पुलिस अधीक्षक प्रशान्त वर्मा, अपर जिलाधिकारी गौरव रंजन श्रीवास्तव, मुख्य चिकित्साधिकारी एस.के. सिंह, कारागार अधीक्षक राजेश यादव, जेलर आनन्द कुमार शुक्ला सहित अन्य सम्बन्धित मौजूद रहे।

मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. एस.के. सिंह ने बताया कि जिला कारागार में आयोजित होने वाले 05 दिवसीय चिकित्सा शिविर में प्रतिदिन 200 बंदियों की स्क्रीनिंग कर गंभीर बीमारियों जैसे सेक्सुअली ट्रांसमिटेड डिजीज (एसटीडी), ह्युमन इम्यूनो डिफिशिएंसी वायरस (एचआईवी), टीबी (क्षय रोग) व हेपेटाइटिस के मरीजों को चिन्हित कर इलाज शुरू कराया जाएगा। सीएमओ डॉ. सिंह ने बताया कि जिन बंदियों की जांच में किसी संक्रमण की पुष्टि होती है, उनके पूरे इलाज की व्यवस्था स्वास्थ्य विभाग द्वारा की जाएगी। कारागार से रिहा होने के बाद भी उपचार बीच में छूटने नहीं पाएगा।

जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ. एम.एल. वर्मा ने बताया कि टीबी, एसटीडी, एचआईवी, बी हेपेटाइटिस गंभीर संक्रामक रोग हैं। जेल में निरुद्ध बंदी एक साथ रहते हैं इस वजह से एक दूसरे में इन बीमारियों के फैलने की संभावना अधिक रहती है। इसके लिए कारागार में रह रहे सभी 1448 बंदियों की जांच कर उन्हें बीमारियों से बचाव के प्रति भी जागरूक किया जाएगा। इसके लिए कारागार में 05 काउंटर बनाए गए हैं। उन्होंने बताया कि जिन बंदियों का उपचार शुरू होगा, उन्हें नियमित रूप से दवाओं के सेवन करने और जेल से रिहा होने के बाद सरकारी चिकित्सालय के माध्यम से उपचार जारी रखने के लिए प्रेरित किया जाएगा।

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