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Saturday, March 15, 2025 10:12:50 PM

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आलू की फसल में झुलसा रोग तथा सरसों में माहू कीट पर नियंत्रण आवश्यक प्रियानन्दा

आलू की फसल में झुलसा रोग तथा सरसों में माहू कीट पर नियंत्रण आवश्यक प्रियानन्दा

 

बहराइच 31 दिसम्बर। जिला कृषि रक्षा अधिकारी प्रियानन्दा ने बताया कि वर्तमान समय में मौसम के तापमान में उतार चढाव एवं बदली-धूप रहने के कारण आलू में झुलसा (ब्लाइट) बीमारी की सम्भावना बढ जाती है। झुलसा (ब्लाइट) रोग दो प्रकार का होता है पहला अगेती झुलसा दूसरा पिछेती झुलसा। आलू की फसल में पौधे जलने की समस्या अगेती झुलसा रोग के कारण होती है। इस रोग की शुरूआत दिसम्बर माह में होती है। श्री वर्मा ने बताया कि झुलसा (ब्लाइट) बीमारी के लगने की दशा में आलू की पत्तियॉ सूखने लगती है एवं गोल या अण्डाकार भूरे रंग के छल्लेयुक्त चकत्ते पड जाते हैं जो धीरे-धीरे बढने लगते है और पौधा मर जाता है। यह रोग आल्टर्नेरिया सोलेनाई फंगस की वजह से होता है।

कृषि रक्षा अधिकारी ने कृषको को सलाह दी है कि बीमारी के लक्षण दिखाई देने की दशा में किसान भाई मैनकोजेब 75 प्रति. डब्लू.पी. अथवा जिनेब 75 प्रति. डब्लू.पी. की 3 कि.ग्रा. मात्रा 500-600 लीटर पानी में मिलाकर प्रति हे. की दर से छिडकाव करें तथा आवश्यकतानुसार 10 दिन के अन्तराल पर कॉपर आक्सीक्लोराइड 50 प्रति. डब्लू.पी. की 2.5 कि.ग्रा. मात्रा 600 लीटर पानी में मिलाकर प्रति हे. की दर से प्रयोग करें।

कृषि रक्षा अधिकारी ने यह भी बताया कि वर्तमान समय में तापमान में बदलाव एवं धूप-छांव रहने के कारण सरसो की फसल में माहू कीट लगने की सम्भावना बढती है। इस कीट के शिशु एवं प्रौंढ पौधो के कोमल तनो, पत्तियो एवं फूलो का रस चूसकर उन्हंे कमज़ोर कर देते है साथ ही रस चूसते समय पत्तियो पर मधुश्राव भी करते है, जिस पर काले कवक का प्रकोप होता है और प्रकाश संश्लेषण की क्रिया बाधित हो जाती है। इस रोग का प्रकोप दिसम्बर से मार्च तक बना रहता है।

किसानों को सलाह दी गयी है कि माह जनवरी के प्रथम सप्ताह में जहॉ पर भी कीट के समूह दिखाई दें उन टहनियो को तोड कर अलग कर दें। उन्होंने यह भी सुझाव दिया कि खेत में लगभग 20 प्रतिशत माहू कीट का आक्रमण हो जाने की दशा में इमिडाक्लोप्रिड 17.8 प्रति. ई.सी. की आधा मि.ली./लीटर पानी के साथ अथवा क्लोरपायरीफॉस 20 प्रति. ई.सी. की 2.5 मि.ली./लीटर पानी अथवा डाईमैथोएट 30 प्रति. एस.सी. की 01 ली./हे. मात्रा 400 ली. पानी में मिलाकर छिडकाव करें।

जिले के किसानों को यह भी सलाह दी गयी है कि किसी भी समस्या/सुझाव हेतु अथवा कीट/रोग के लगने की दशा में रोगग्रस्त फसल/पौधे के फोटो के साथ विभागीय पी.सी.एस.आर.एस. मो.नं 9452247111 एवं 9452257111 पर व्हाटसएप अथवा मैसेज के माध्यम से शिकायत कर सकते हैं। सभी किसानों से यह भी अपेक्षा की गयी है कि समस्या लिखते समय अपना पूरा नाम व ग्राम, विकास खण्ड एवं तहसील आदि के नाम सहित पूरा पता भी अवश्य अंकित करें। उन्होंने बताया कि समस्या का समाधान 48 घंटे के भीतर कर दिया जायेगा।

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