बालिका शिक्षा को लेकर सर्व समाज के प्रबुद्धजनों ने ली शपथ
कोटा। कोटा के गणेश तालाब दादाबाड़ी स्थित निजी विद्यालय में सेमिनार का आयोजन कर शिक्षा की देवी, भारत की प्रथम शिक्षिका मां सावित्री बाई फुले की 193 वीं जयंती पर 151 दीप प्रज्वलित कर सर्व समाज के प्रबुद्धजनों ने उन्हें पुष्पांजलि अर्पित की।
समाजसेवी डॉ. दुर्गाशंकर सैनी ने बताया कि मां सावित्री फूले की जयंती पर आयोजित सामाजिक सेमिनार में शामिल होकर सर्व समाज के प्रबुद्धजनों ने मां सावित्री बाई फुले के जीवन पर विस्तार से प्रकाश डाला। उनके सामाजिक सरोकार व शैक्षणिक संघर्ष के बारे में जानकारी प्रदान की गई। सभी प्रबुद्धजनों ने शपथ ली कीि घर-घर शिक्षा की अलख जगाएंगे। वंचित बालिकाओं को शिक्षित करने के लिए सम्पूर्ण प्रयास करेंगे। वक्ताओं ने बताया कि मां सावित्री बाई फुले का जन्म 3 जनवरी 1831 को हुआ था। मां शिक्षा की देवी हैं। भारत का प्रथम विद्यालय 1848 में खोला गया। उन्होंने सामाजिक बुराई के प्रति लंबा संघर्ष किया। विधवा पुनर्विवाह व महिलाओं के प्रति सामाजिक कुरीतियों को समाप्त करने के लिए कार्य किया। कार्यक्रम में समाजसेवी डॉ. दुर्गाशंकर सैनी, पुरुषोत्तम अजमेरा, कैप्टन बीएल सैनी, हेमंत सुमन, देवकरण सुमन, भवानी शंकर सुमन, जगदीश पहलवान, रामकिशन, राकेश सुमन, नरेंद्र नागर, मुकेश मालव, दीपक सुमन एवं अन्य प्रबुद्धजन उपस्थित रहे।
राज्य मंत्री नागर को तस्वीर भेंटकर किया स्वागत
समाजसेवी डॉ. दुर्गाशंकर सैनी ने बताया कि माली समाज के प्रबुद्धजनों शिक्षा नगरी कोटा में राज्य मंत्री बनने के बाद पहली बार आगमन पर हीरालाल नागर को मां सावित्री बाई फुले की तस्वीर भेंटकर स्वागत किया।
स्वागत करने वालों में ये रहे शामिल
राज्य मंत्री नागर का स्वागत करने वालों में डॉ. दुर्गाशंकर सैनी, पुरुषोत्तम अजमेरा, हेमन्त सुमन, मुकेश मालव, अर्जुन अजमेरा, दीनदयाल सुमन, जगदीश सैनी, गुरु प्रकाश सुमन, संतोष सुमन, देवकरण सुमन, रामकिशन सुमन आदि शामिल रहे।
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