एसकेएम व संयुक्त ट्रेड यूनियंस समिति कोटा ने किया गणतंत्र बचाओ-देश बचाओ का आह्वान
कोटा। गणतंत्र दिवस पर संयुक्त किसान मोर्चा एवं संयुक्त ट्रेड यूनियंस के आह्वान पर कोटा जिले सहित देशभर के 500 ज़िलों में ट्रैक्टर एवं वाहन रैलियां निकाली गईं।
जिसमें हज़ारों किसानों-मज़दूरों ने हिस्सा लिया। इन रैलियों के माध्यम से मोदी सरकार से मांग की गई है कि संयुक्त किसान मोर्चा के साथ हुए लिखित समझौते को लागू किया जाए। जिसमें समर्थन मूल्य पर ख़रीद की गारंटी, सभी किसानों के क़र्ज माफ़, बिजली बिल वापसी, अजय टैनी को मन्त्रीमंडल से हटाना, किसानों पर लगाये मुक़दमें वापस करना आदि मांगें शामिल हैं। इन रैलियों के माध्यम से मज़दूर विरोधी क़ानूनों को वापस लेना, बैंक, बीमा, रेलवे सहित सार्वजनिक संस्थाओं का निजीकरण बंद करना, OPS बहाल करना, न्यूनतम वेतन 26 हजार रुपए, संविदा कर्मियों को नियमित करने की मांग की गई है।
16 फ़रवरी को ग्रामीण भारत करेंगे बंद
एसकेएम नेता दुलीचंद बोरदा ने बताया कि उपरोक्त मांगों का समाधान नहीं होने पर आगामी 16 फ़रवरी को ग्रामीण भारत बंद एवं ट्रेड यूनियनों की ओर से हड़ताल की जाएगी।
इन नेताओं को नेतृत्व में निकाली ट्रैक्टर रैली
बोरदा ने बताया कि कोटा में संयुक्त किसान मोर्चा एवं संयुक्त ट्रेड यूनियंस समिति द्वारा शहीद स्मारक से नयापुरा होते हुए अदालत चौराहा तक कार्यक्रम के संयोजक अब्दुल हमीद गौड, दुलीचंद बोरदा, नंदलाल धाकड़, भगवती प्रसाद मीणा, महेंद्र नेह, हरिलाल, पदम पटौदी, W.C. वालिया, फ़तहचंद बागला, महेंद्र पांडे, हंसराज चौधरी, उमाशंकर, अशोक लोढ़वाल, राम कैलास वर्मा, महावीर मीणा, रविंद्र सिंह, मुख़्तार ख़ान आदि के नेतृत्व में ट्रैक्टर व वाहन रैली निकाली गई। संविधान निर्माता डॉक्टर अंबेडकर एवं स्वतंत्रता सैनानी पंडित नयनुराम को माल्यार्पण किया गया।
अभियान चलाने की आवश्यकता पर ज़ोर
अंबेडकर स्टेच्यू पर आयोजित सभा को वरिष्ठ अधिवक्ता अरविंद भारद्वाज ने संबोधित करते हुए मौजूदा समय में समानता, स्वतंत्रता, धर्मनिरपेक्षता एवं भाईचारा को बचाने के लिये किसान, मज़दूर व आम जनता के बीच व्यापक अभियान चलाने की आवश्यकता पर ज़ोर दिया।
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