देशव्यापी हड़ताल व ग्रामीण भारत बंद को लेकर अभयान के तहत गांवों में संपर्क जारी
इटावा। अखिल भारतीय किसान सभा के कार्यकर्ताओं व सीटू के सदस्यों ने इटावा क्षेत्र के जटवाडी, गोपालपुरा, रामपुरिया धाबाई, बालूपा, संग्रामपुरा, छापोल, बिशनपुरा, धनवा, बागली, गुवाड़ी, उदयपुरिया आदि गांवों में किसानों व मजदूरों से सम्पर्क कर सरकार की जनविरोधी नीतियों से अवगत कराया। साथ ही पम्पलेट वितरण कर 16 फरवरी को प्रस्तावित देशव्यापी हड़ताल को लेकर किसानों व मजदूरों को जागरूक किया।
किसान सभा तहसील सचिव कमल बागड़ी ने बताया कि आवारा व जंगली जानवरों से किसानों की फसलों को बचाने, एमएसपी का गारण्टी कानून लागू करने, 102 किसानों की बकाया राशि मंडी समिति से दिलाने, बाढ़ से नष्ट मकानों के मुआवजे, सभी को आवासीय भूखंडों के निःशुल्क पट्टे जारी करने, मजदूर विरोधी लेबर बिल रदद् करने, श्रमिक योजनाओं की राशि मजदूरों के खातों में डलवाने, ड्राइवर व जनविरोधी हिट एंड रन कानून को रद्द करने सहित अन्य जनहितैषी 21 सूत्रीय मांगों को लेकर देशव्यापी हड़ताल के समर्थन में इटावा रैली में शिरकत करने के लिए ग्रामीणों से संपर्क किया।
अखिल भारतीय किसान सभा व निर्माण मजदूर यूनियन सीटू तहसील महामंत्री कामरेड मुरारीलाल बैरवा ने बताया कि केंद्र सरकार द्वारा सभी राज्यों में असंगठित क्षेत्र के मजदूरों को ई-श्रम कार्ड के माध्यम से लाभान्वित करने का जोर-शोर से प्रचार-प्रसार श्रम विभाग के कर्मचारियों के माध्यम से हर जिले में करवाया जा रहा है। लेकिन वर्ष 2018 से अभी तक ई-श्रम कार्ड से किसी भी मजदूर को कोई लाभ नहीं मिला है। महामंत्री ने केंद्र व राज्य सरकार पर मजदूर, किसान व आमजन विरोधी नीतियां अपनाने का आरोप लगाते हुए कहा कि केंद्र व राज्य सरकार मजदूरों के खातों से जबरदस्ती प्रधानमंत्री मानधन पैंशन योजना का लाभ देने के नाम पर बैंकों के माध्यम से 55 से 330 रुपए काट लेती है। जिसकी रसीद या पॉलिसी बैंकों द्वारा मजदूरों को नहीं दी जाती। उन्होंने कहा कि इसके पीछे केन्द्र सरकार की मंशा श्रम कल्याण बोर्ड को खत्म करने व श्रम कल्याण बोर्ड में जमा मजदूरों के सेस की राशि को हड़पने की है। मजदूरों को श्रमिक योजना का लाभ नहीं देने के लिए सरकार ने मनमाने ढंग से मजदूरों पर ई-श्रम कार्ड धारक होने और मानधन पैंशन योजना में रुपए जमा कराने की शर्त जोड़ कर मजदूरों को श्रमिक कार्ड की योजनाओं के लाभ से वंचित किया है। सरकार द्वारा वर्ष 2018 से अब तक श्रम कल्याण बोर्ड में जमा मजदूरों के सेस बजट को सार्वजनिक नहीं किया है और ना ही ई-श्रम कार्ड के बजट की राशि को सार्वजनिक किया गया है। सरकार के पास मानधन पैंशन योजना में मजदूरों का कितना बजट एकत्रित हुआ है, कितने मजदूरों को इस योजना का लाभ मिल रहा है इसकी जानकारी नहीं दी जा रही। बीमा क्लेम की राशि में भी कटौती की जा रही है। श्रमिक कल्याण बोर्ड द्वारा मजदूरों को 5 लाख रुपए का दुर्घटना बीमा क्लेम देने का प्रावधान लागू किया हुआ है। जबकि केंद्र व राज्य सरकार 2 लाख रुपए ई-श्रम कार्ड के माध्यम से मजदूरों को दुर्घटना बीमा क्लेम देने का प्रचार-प्रसार कर रही है, जो श्रमिक कल्याण बोर्ड की योजना से 3 लाख रुपए कम है। केंद्र सरकार मजदूरों को गुमराह करने का काम कर रही है। जिसके खिलाफ निर्माण मजदूर यूनियन सीटू संघर्षरत है। सरकार की मजदूर विरोधी नीतियों को सीटू निर्माण मजदूर यूनियन द्वारा मजदूरों के बीच उजागर करने का काम किया जा रहा है। अभियान के दौरान पीपल्दा क्षेत्र के मजदूरों, किसानों से ज्यादा से ज्यादा संख्या में 16 फरवरी को इटावा की रैली में आने अपील की जा रही है।
ये रहे अभियान में शामिल
किसान सभा पीपल्दा प्रेस प्रवक्ता भवानी शंकर कुशवाह ने बताया कि किसान सभा तहसील सचिव कमल बागड़ी, उपाध्यक्ष गुलाब चंद मीणा, किसान सभा इकाई खातौली संयोजक भवानी शंकर कुशवाह, रामहरि गुवाड़ी, रामजी लाल गुर्जर, मंशाराम बालूपा, किसान सभा कोषाध्यक्ष चेतन प्रकाश डोली, देवीशंकर बिशनपुरा, सीटू महामंत्री मुरारीलाल बैरवा व अन्य किसान सभा व सीटू यूनियन सदस्य 16 फरवरी को होने वाली देशव्यापी हड़ताल व ग्रामीण भारत बन्द को सफल बनाने के अभियान में शामिल रहे।
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