दिल्ली के रामलीला मैदान में आयोजित एसकेएम और एसटीयू की महापंचायत में लिया निर्णय
-इटावा क्षेत्र के सैंकड़ों किसानों-मजदूरों ने की शिरकत
कोटा दिल्ली के रामलीला मैदान में आगामी लोकसभा चुनावों के दौरान केंद्र सरकार से किसानों व मजदूरों की मांगों को लागू कराने के मद्देनज़र गुरूवार को आयोजित संयुक्त किसान मोर्चा और संयुक्त ट्रेड यूनियनों की महापंचायत में कोटा जिले के इटावा क्षेत्र के किसानों व मजदूरों ने भी देश के सभी राज्यों के लाखों किसानों, मजदूरों, महिला मजदूरों और खेतिहर मजदूरों की तरह शिरकत की।
दिल्ली के रामलीला मैदान में आयोजित किसानों व मजदूरों की महापंचायत में राजस्थान राज्य के किसानों-मजदूरों का नेतृत्व राजस्थान राज्य के राष्ट्रीय किसान-मजदूर नेता कामरेड अमराराम ने किया। कोटा जिले के इटावा पीपल्दा से अखिल भारतीय किसान सभा कोटा जिलाध्यक्ष किसान नेता दुलीचंद बोरदा, किसान सभा पीपल्दा इटावा तहसील सचिव कमल बागड़ी, सीटू निर्माण मजदूर यूनियन इटावा महामंत्री मुरारीलाल बैरवा, नौजवान सभा संयोजक रमेशचंद महावर, सीटू सदस्य प्रेम पेंटर के नेतृत्व में सैकड़ों किसानों व मजदूरों ने भाग लिया।
23 मार्च को मनाएंगे लोकतंत्र बचाओ दिवस
किसान सभा पीपल्दा इटावा तहसील सचिव कमल बागड़ी ने बताया कि महापंचायत में 23 मार्च को भगतसिंह के शहादत दिवस को पूरे देश में लोकतंत्र बचाओ दिवस के रूप में मनाने, केंद्र सरकार से किसानों-मजदूरों की एमएसपी का गारंटी कानून लागू करने, मजदूर विरोधी चारों लेबर कोड बिलों को रद्द करने, बिजली संशोधन बिल 2020 को वापस कराने, निजीकरण और बढ़ती महंगाई पर रोक लगाने, 1 साल 13 दिन चले किसान आंदोलन की संपूर्ण मांगों को पूरा कराने सहित 16 सूत्रीय मांगों को लेकर राज्यों में जिला व तहसील मुख्यालयों पर सरकार के खिलाफ प्रदर्शन करने का सभी किसान-मजदूर संगठनों से आह्वान किया गया। जिसका संयुक्त ट्रेड यूनियनों ने पुरजोर समर्थन किया।
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