कोटा में नई उर्दू साहित्यिक संस्था बज्मे-सहरे-सुखन का हुआ आगाज
युवा शायरा शबाना सहर ने की स्थापना, सुप्रसिद्ध कवि सुगम ने फीता काटकर किया उद्घाटन
कोटा। साहित्यिक नगरी कोटा में रविवार को युवा शायरा डॉ. शबाना सहर के सूरजपोल स्थित आवास पर उर्दू सहित भारतीय भाषाओं के काव्य मंच बज़्मे-सहरे-सुखन का शुभारंभ बीना मध्यप्रदेश से पधारे सुप्रसिद्ध साहित्यकार महेश कटारे सुगम ने शमा रोशन कर के व फीता काटकर किया।
आयोजित समारोह के मुख्य अतिथि डॉ. अज़हर मिर्ज़ा ने अपने कहा कि वर्तमान दौर में समाज को साहित्य ही सही दिशा में ले जा सकता है। उन्होंने संस्था के पदाधिकारियों को बधाई देते हुए उम्मीद जताई कि वे अपने कलम से बदलाव की नई तहरीर लिखेंगे। विशिष्ट अतिथि प्रोफेसर नुसरत फातिमा ने कहा कि देश दुनिया में जहां भी अंधेरा है, कवि-शायरों को वहां रोशनी की कंदील जलाने का काम करना चाहिए।
संस्थापक डॉ. शबाना सहर ने बताया कि डॉ. फरीद ख़ान फ़रीद को संरक्षक, साहित्यकार महेन्द्र नेह को अध्यक्ष तथा शायर सलीम आफरीदी को संस्था का उपाध्यक्ष निर्वाचित किया गया है। समारोह के दूसरे सत्र में अजहर मिर्जा व अतिथि साहित्यकार महेश कटारे सुगम के मुख्य आतिथ्य, महेंद्र नेह की अध्यक्षता और डॉ. फरीद ख़ान फरीद के कुशल संचालन में काव्य गोष्ठी संपन्न हुई। काव्य गोष्ठी की विशिष्ट अतिथि गवर्नमेंट कॉलेज में उर्दू विभाग अध्यक्ष प्रोफेसर नुसरत फातिमा रहीं।
काव्य गोष्ठी में इन कवि-शायरों ने किया कलाम पेश
काव्य गोष्ठी का आगाज संस्थापक डॉ. शबाना सहर ने हम्द पाक के साथ किया। इसके बाद डॉ. जेबा फिजा, फानी जोधपुरी, हंसराज चौधरी, अहमद सिराज फारूकी, जमील कुरैशी, ज्ञान गंभीर, गयास फाइज़, शमा फिरोज़, शबाना सहर, शगुफ्ता अंसारी, मो. मुस्लिम ख़ान, महेन्द्र नेह, फरीद ख़ान फरीद, सलीम आफरीदी एवं महेश कटारे सुगम ने अपनी शायरी और कविताओं से समारोह को एक यादगार साहित्यक आयोजन में बदल दिया।
सभी ने बताया अच्छी शुरूआत
कोटा में एक नई साहित्यिक संस्था की शुरूआत होने पर सभी ने खुशी का इजहार किया। अतिथियों ने कहा कि स्थानीय व प्रादेशिक भाषाओं के विकास के लिए यह एक अच्छी शुरूआत है।
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