रिपोर्ट : रियाज अहमद
बहराइच। कतर्नियाघाट वन्यजीव क्षेत्र में कार्य करने वाली संस्था ‘द हेल्पिंग हैण्ड’ नई पारी की शुरुआत करेगी। संस्था ‘द हेल्पिंग हैंड’ वन्यजीवों के संरक्षण पर काम करने के साथ लोगों को रोजगार से भी जोड़ेगी। इस मामले में संस्था की ओर से क़वायद शुरू कर दी गयी है। ‘द हेल्पिंग हैण्ड’ संस्था के संस्थापक शाश्वत राज ने दुधवा टाइगर रिजर्व के एफडी ललित वर्मा से इस मामले में औपचारिक मुलाकात की। मुलाकात के दौरान शाश्वत ने एफडी से संस्था की नई पारी की शुरुआत की बात कही है। संस्थापक ने बताया की संस्था जल्द ही अपना कार्य कतर्निघाट मे पुनः शरू करने जा रही है जिसके लिए आज एफडी से कार्ययोजना पर चर्चा की गयी है। फील्ड डायरेक्टर से बातचीत मे एफडी ने कुछ महत्वपूर्ण बिंदु जैसे मानव -वन्य जीव संघर्ष को कम करने के लिए लोगो को और जागरूक करने व जंगल के समीप रहने वाले ग्रामीणों को रोजगार से जोड़ने के दृष्टि से सुझाव दिए है। शाश्वत राज ने यह भी बताया कि फील्ड डायरेक्टर (एफडी) महोदय के मार्गदर्शन मे वन विभाग के साथ मिल कर ग्रामीणों को जीवन बेहतर करने के लिए कार्य करेंगे। जिसको लेकर संस्था कुछ महीनों मे अपने कार्य को सुचारु रूप से कतर्निघाट मे शुरू कर देगी। बहराइच के भारत-नेपाल सीमा पर स्थित कतर्नियाघाट वन्य जीव प्रभाग के जंगल से सटे जनजाति बाहुल्य गांव बर्दिया, आम्बा, विशुनापुर, फकीरपुरी समेत अन्य गांवों में जनजाति महिलाओं व अन्य समुदाय की महिलाओं तथा लोगों को रोजगार से जोड़ने को लेकर संस्था द हेल्पिंग हैंड की नई पारी की शुरुआत की खबर से लोगों में खुशी की लहर है।
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