बहराइच 25 अप्रैल। स्वास्थ्य विभाग द्वारा विश्व मलेरिया दिवस के अवसर गोष्ठी/कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला को सम्बंधित करते हुए अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ संतोष राणा ने बताया कि मलेरिया से बचाव हेतु व्यापक स्तर पर जनजागरुकता की आवश्यकता है प्रत्येक व्यक्ति को मच्छरों के प्रजनन को रोकने हेतु प्रयास की आवश्यकता है। जिला मलेरिया अधिकारी ने मलेरिया के कारण एवं उपचार के बारे में विस्तृत प्रकाश डालते हुए बताया कि यदि ठंड के साथ बुखार आये तो तत्काल नजदीकी स्वास्थ्य केन्द्र जाकर मलेरिया बुखार की जाँच कराये जिससे मरीज का सही उपचार कर मृत्यु से बचाया जा सके। उप मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा० पी० के० बान्दील ने बताया कि मलेरिया बुखार सम्बन्धी बिमारी ने प्राचीन काल से कहर ढाया है विश्व विजेता सिकन्दर महान की सेना एवं वह स्वयं मलेरिया बुखार से ग्रसित होने के कारण मृत्यु को प्राप्त हुए। प्रतिवर्ष 5-6 लाख मरीज मलेरिया से मृत हो रहे है।
उन्होनें मलेरिया बुखार को हल्ले में ना लेकर मच्छरों के सघन घनत्व वाले प्रजनन स्थानो पर निरोधात्मक कार्यवाही कर प्रजनन को रोके। जिससे मलेरिया के साथ ही अन्य मच्छर जनित बिमारियो से बचा जा सके। जिला स्वास्थ्य शिक्षा एवं सूचना अधिकारी बृजेश सिंह ने बताया कि वर्ष 2015 से विश्व मलेरिया दिवस का आयोजन प्रति वर्ष 25 अप्रैल को प्रारम्भ किया गया। भारत सरकार द्वारा की 2030 तक मलेरिया के उन्मूलन का लक्ष्य रखा गया है अतः मलेरिया को जड़ से खत्म करने के लिए एकजुट प्रयास की आवश्यकता है जिसके द्वारा मच्छरों के लाबी के पनपने वाले स्थान, गढ़ढों आदि में जमा पानी को जमा पानी, कूलर, पुराने कूलर, नालियों आदि में जमा पानी को निकालकर नालियों आदि में लार्वा साइडर व मिटटी तेल डालकर प्रजनन को रोका जा सके। इस अवसर पर मलेरिया से बचाव हेतु नोडल उपमुख्य चिकित्सा अधिकारी डा० संजय सोलंकी द्वारा शपथ भी दिलाया गया। गोष्ठी में डा निर्मष, डी०पी०एम० सरजू खान, अरुण, अंकुर सिंह, विजय मिश्रा मलेरिया निरीक्षक के साथ-साथ अन्य सम्बन्धित मौजूद रहे।
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